नई दिल्ली। सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक के 3,250 करोड़ रुपये के लोन घोटाला मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। सीबीआई ने आज शनिवार को यह जानकारी दी।
धारा 120 बी और 409 के तहत आरोप पत्र
सीबीआई ने जानकारी दी कि आईपीसी की धारा 120-बी और 409 तथा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपपत्र दायर किया है। सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई ने नौ इकाइयों को नामजद किया है। जिनमें कंपनियां और व्यक्ति शामिल हैं। सीबीआई ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक से चंदा कोचर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी की अनिवार्य आवश्यकता के बिना सीबीआई मुंबई की विशेष अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आगे बढ़ी है।
अधिकारियों के अनुसार, मंजूरी के लिए बैंक को पत्र भेजा गया था। बैंक के उत्तर का इंतजार किया जा रहा है। आम तौर पर, सीबीआई विशेष अदालत आरोपपत्र का संज्ञान लेने के लिए आगे बढ़ने से पहले मंजूरी का इंतजार करती है। इसके बाद पात्र होने पर मुकदमा शुरू करती है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई विशेष अदालत ने आरोपपत्र पर अभी तक संज्ञान नहीं लिया है।
कोचर दंपति और धूत को पिछले साल किया था गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि मुकदमा चलाने की मंजूरी से इनकार के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे। सीबीआई ने कोचर दंपति और धूत को पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया था। हिरासत के लिए कोचर दंपति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई अदालत के संज्ञान में एक पत्र ले आए, जिसे आईसीआईसीआई बैंक ने जुलाई 2021 में सीबीआई को लिखा था। पत्र में कहा गया था कि बैंक को किसी लेन-देन में कोई गलत नुकसान नहीं हुआ है।
बंबई हाईकोर्ट ने जनवरी में कोचर दंपति को दी थी जमानत
बंबई हाईकोर्ट ने इस साल नौ जनवरी में कोचर दंपति को जमानत दे दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि वर्तमान मामले में गिरफ्तारी का आधार केवल सहयोग नहीं करना और पूर्ण एवं सही खुलासा नहीं करना बताया गया है। पीठ ने कहा था कि कोचर दंपति की गिरफ्तारी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए का उल्लंघन है, जो संबंधित पुलिस अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजना अनिवार्य करती है।