लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में गुरुवार को हाईकोर्ट से बड़ा आदेश आया। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश दिया है कि 4 दिन में ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाए।
दरअसल, अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर मार्च में ओबीसी आयोग ने रिपोर्ट सौंप दी थी, लेकिन यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में आरक्षण को लेकर याचिका दायर की गई है। जिस पर सुनवाई के दौरान यह आदेश आया।
निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर पिछली बार याचिकाकर्ताओं में से एक रहे संदीप पांडे का कहना है कि 2010 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह कहा गया था कि सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा के क्षेत्र में दिया जाने वाला आरक्षण एवं राजनीतिक आरक्षण दोनों अलग अलग है। यानी ओबीसी आयोग का गठन कर उत्तर प्रदेश, जंहां पर अन्य पिछड़ा वर्ग में 70 से अधिक जातियां हैं, वहां यह पता लगाए कि वो कौन सी जातियां हैं। जिनका राजनीतिक प्रतिनिधित्व कम है।
निकाय चुनाव के लिए बनी ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को आज हाइकोर्ट की पीठ के सामने प्रस्तुत किया गया। हाइकोर्ट ने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को चार दिन में वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश देते हुए दाखिल याचिका को निस्तारित कर दिया। आपत्ति दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे नहीं बढ़ाया गया है।