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शिवराज ने 11 साल में इतना आगे बढ़ाया मध्य प्रदेश, इकोनॉमी में मप्र ने बनाया रिकार्ड

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चार राज्यों के चुनावी नतीजों में मध्य प्रदेश में भाजपा शुरुआती रुझानों से बहुमत की ओर है। आखिर क्या कारण है कि जनता का भरोसा एक बार फिर शिवराज सिंह और भाजपा पर कायम है। किसी राज्य या देश के विकास में इकोनॉमी का बड़ा योगदान है। मध्य प्रदेश की इकोनॉमी ने शिवराज ने नए रिकार्ड बनाए हैं। जिसमें 11 साल में मप्र इतना आगे बढ़ा है।

मध्य प्रदेश में भाजपा शुरुआती रुझानों से आगे

मध्य प्रदेश में भाजपा 145 सीटों पर आगे है। वहीं कांग्रेस ने 84 सीटों पर बढ़त बनाई है। रुझानों में भाजपा को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। मध्य प्रदेश में भाजपा को बहुमत मिलना पार्टी के साथ शिवराज सिंह चौहान के करियर के लिए मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल शिवराज सिंह चौहान देश में सबसे लंबे समय तक बने रहने वाले मुख्यमंत्री की सूची में शामिल है।
अब बीजेपी मध्य प्रदेश जीतती है और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बनते हैं तो वो पांचवी बार सीएम बनकर नया रिकॉर्ड बनाएंगे। मध्य प्रदेश में भाजपा मुखिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम लगातार चार बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है। सीएम के तौर पर शिवराज का कार्यकाल 15 साल से अधिक का है। आखिर क्या कारण है कि मप्र की जनता ने एक बार फिर भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज पर भरोसा जताया है।

11 साल में 4 गुना से अधिक बढ़ी इकोनॉमी

किसी देश या राज्य की इकोनॉमी की नब्ज में पर कैपिटा इनकम महत्वपूर्ण होती है। यही वो आंकड़ा है जिससे वित्तीय हालत और उस राज्य की स्थिति का पता चलता है। मध्य प्रदेश की पर कैपिटा इनकम की बात करें तो प्रति व्यक्ति आय 1.40 लाख रुपए हो चुकी है। मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स प्रोग्राम एंड इंप्लीमेंटेशन के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश की पर कैपिटा इनकम बीते 11 सालों में 4 गुना से अधिक बढ़ी है। साल 2013 में यह आंकड़ा केवल 38,000 के करीब था। जो साल 2023 तक यह बढ़कर 1.40 लाख रुपए हो चुकी है।

13.34 लाख करोड़ की जीडीपी

मध्य प्रदेश की जीडीपी 13.87 लाख करोड़ रुपए की है। रैकिंग में मध्य प्रदेश की जीडीपी रैंक 10 वीं है। मध्य प्रदेश की इकोनॉमी में सबसे अधिक एग्रीकल्चर सेक्टर का है। जो कि मप्र राज्य की जीडीपी का 62 फीसदी हिस्सा कृषि सेक्टर से आता है। इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत है। सर्विस सेक्टर की बात की जाए तो यह 33 प्रतिशत है। रेवेन्यु की बात की जाए तो साल 2022-23 तक यह 1.95 लाख करोड़ रुपए के करीब रही है।

मप्र के विकास में इन शहरों का अहम रोल

डायरेक्टोरेट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड स्टैटिस्टिक्स की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश की इकोनॉमी में अहम योगदान जिन शहरों का है। इनमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, सागर और देवास हैं। सरकारी नौकरी के अलावा मध्य प्रदेश की इकोनॉमी में रेडीमेट गारमेंट्स, पोल्ट्री, वुड कंटिंग इडस्ट्री, स्टील जैसे सेक्टर्स अहम योगदान दे रहे है।

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