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G-20 Summ: ‘परमाणु हथियार की धमकी मंजूर नहीं’, G20 घोषणापत्र में क्षेत्रीय संप्रभुता बनाए रखने का आह्वान

नेशनलG-20 Summ: 'परमाणु हथियार की धमकी मंजूर नहीं', G20 घोषणापत्र में क्षेत्रीय...

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G20 Summit Ukraine Conflict: G20 देशों के नई दिल्ली घोषणापत्र में आज शनिवार को सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान किया गया। इसमें यूक्रेन में व्यापक, न्यायपूर्ण और टिकाऊ शांति के लिए पहल की वकालत की गई। G20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने घोषणा पत्र में कहा परमाणु हथियारों का उपयोग और इसकी धमकी अस्वीकार्य है।

राष्ट्रीय रुख और प्रस्तावों को दोहराया

पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के संबंध में बाली में हुई चर्चा को याद करते हुए हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपनाए गए राष्ट्रीय रुख और प्रस्तावों को दोहराया। इस बात को रेखांकित किया कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुसार काम करना चाहिए।’

इसमें कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप सभी देशों को किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के कब्जे की मांग करने के लिए धमकी के उपयोग से बचना चाहिए। पीएम मोदी ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए G20 नेताओं से सैन्य विनाश या प्रासंगिक बुनियादी ढांचे पर हमलों को रोकने का आह्वान किया। पीएम मोदी ने सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून, शांति एवं स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बरकरार रखने का आह्वान किया है।

युद्ध के प्रतिकूल प्रभाव को दूर करने के प्रयास में एकजुट होंगे

घोषणा पत्र में कहा गया कि हम वैश्विक अर्थव्यवस्था पर युद्ध के प्रतिकूल प्रभाव को दूर करने के प्रयास में एकजुट होंगे और यूक्रेन में एक व्यापक, न्यायपूर्ण, टिकाऊ शांति का समर्थन करने वाली सभी प्रासंगिक और रचनात्मक पहलों का स्वागत करेंगे। जो ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना में देशों के बीच peaceful , friendly और अच्छे पड़ोसी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए UN Charter के सभी उद्देश्यों और principles को बनाए रखेगा।

वास्तव में हर किसी ने मदद की

यूक्रेन मुद्दे पर आम सहमति पर पहुंचना कितना मुश्किल था, इस बारे में संवाददाता सम्मेलन में सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह घोषाणा का 83 वां पैरा है। इसमें बहुत सारे विषय शामिल हैं। लेकिन जाहिर है कि चल रहे संघर्ष और इस पर अलग-अलग विचारों के कारण भू-राजनीतिक मुद्दों के संबंध में काफी समय बिताया गया जो ज्यादातर यूक्रेन में युद्ध के आसपास केंद्रित थे।
यह पूछे जाने पर कि किन देशों ने यूक्रेन संघर्ष पर आम सहमति बनाने में मदद की। उन्होंने कहा कि वास्तव में हर किसी ने मदद की। आम सहमति बनाने के लिए हर कोई एक साथ आया है। लेकिन उभरते बाजारों ने इस पर एक विशेष बढ़त ली और हम में कई लोगों का एक साथ काम करने का एक मजबूत इतिहास है। उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि किसने मदद की, इसके बजाय एक साझा लैंडिंग प्वाइंट तय किया गया।

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