भारत की बेटियों ने आज एकबार फिर कमाल किया। यह कमाल भारतीय अंडर-19 की टीम ने किया जिसने इंग्लैंड को लगभग एकतरफा मैच में सात विकेट से हराकर पहला महिला अंडर-19 टी20 विश्व कप अपने नाम कर लिया। मैच में पहले भारतीय गेंदबाज़ों ने जलवा दिखाया और विपक्षी टीम को मात्र 68 रनों पर आउट कर दिया वहीँ बाद में तीन विकेट खोकर 14 ओवरों में जीत का लक्ष्य हासिल कर लिया।
ख़त्म हुआ ट्रॉफी का सूखा
2005 वनडे विश्व कप की हार, 2017 वनडे विश्व कप की हार, 2020 टी20 विश्व कप की हार, 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के फ़ाइनल की हार – सबके मन में था एक ही सवाल कि आख़िर कब भारतीय महिला टीम ट्रॉफ़ी के सूखे को ख़त्म करेगी और यह काम शेफ़ाली वर्मा की युवा सेना ने कर दिखाया है। मैच के बाद नुशीन अल खडीर ने कहा हम लंबे समय से इस एहसास का इंतज़ार कर रहे थे। पहली ट्रॉफ़ी अंडर-19 टीम के साथ आई और यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। इस टीम को विश्वास था। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बुरे मैच के बाद जिस तरह से उन्होंने खेला वह सराहनीय था। टीम का मौहाल अच्छा था, हमने यही कहा था कि अच्छा प्रदर्शन करना है।
भारत ने रचा इतिहास
भारत ने इंग्लैंड को सात विकेट से हराया और इतिहास रच दिया, भारतीय खिलाड़ी मैदान पर दौड़ गई तो वहीं सपोर्ट स्टाफ़ के सदस्यों के चेहरों पर बड़ी सी मुस्कान, साउथ अफ़्रीका की धरती पर भारतीय पुरुष टीम ने पहला टी20 विश्व कप जीता था और उसी धरती पर आज इस युवा सेना ने पहला महिला अंडर-19 टी20 विश्व कप अपने नाम किया।
इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी धराशायी
इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाज़ी कि मगर भारतीय गेंदबाज़ों के आगे उनकी एक न चली, सिर्फ दो बल्लेबाज़ ही दहाई तक पहुंच सके. रायना मैकडॉनल्ड-गे ने 19 और नींव हॉलैंड ने 10 रनों की पारी खेली। भारत की तरफ से सात गेंदबाज़ों को आज़माया गया और सभी ने कामयाबी हासिल की. तितास साधु, अर्चना साधू और पार्शवी चोपड़ा ने 2-2 विकेट हैसली किये।
सौम्या ने फिर खेली संयम भरी पारी
टीम इंडिया की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही, उसके भी दो विकेट कप्तान शेफाली वर्मा और श्वेता सहरावत के रूप में 20 रनों पर आउट हो गए थे लेकिन सौम्या तिवारी ने एकबार फिर सूझ बूझ भरी पारी खेली और 24 रनों पर नाबाद रहीं वही तृष्णा ने 24 रनों की पारी खेलकर टीम को ऐतिहासिक खिताबी जीत तक पहुंचा दिया।