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आखिर क्यूं बोल रही जनता, राम जी करें मेरठ से हार जाएं नकली राम

आर्टिकल/इंटरव्यूआखिर क्यूं बोल रही जनता, राम जी करें मेरठ से हार जाएं...

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पारुल सिंघल
आगामी 26 अप्रैल को मेरठ में आम लोकसभा चुनाव होना है। सभी पार्टियां अपनी अपनी जीत की दावेदारी कर रही हैं लेकिन चुनाव से ठीक पहले मेरठ की जनता नकली राम जी की हार की कामना कर रही है। मेरठ लोकसभा सीट पर ऐसे कई इलाके सामने आ रहे हैं जहां लोग टीवी के राम यानी भाजपा की ओर से मेरठ में चुनाव लड़ रहे अरुण गोविल को वोट न देने की बात कर रहे हैं। लोगों में भाजपा को लेकर खासी नाराजगी दिखाई दे रही है।

हिंदू – मुस्लिम समाज को बांट रही भाजपा
लोगों का कहना है कि भाजपा न केवल हिंदू मुस्लिम का राग अलापकर सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है। बल्कि बिना मुद्दों की राजनीति पर भी उतर आए हैं। बीते दिनों अरुण गोविल के कई वीडियो भी वायरल हुए हैं, जिसमें वह साफ कह रहे हैं कि उन्हें मुद्दों से नहीं बल्कि जीत से मतलब है। लोगों का कहना है कि रामायण के किरदार अरुण गोविल को लोगों के बीच भेजकर भाजपा धर्म की राजनीति कर रही है। जबकि अब यहां मुद्दों और विकास की राजनीति की जरूरत है।

डमी कैंडिडेट का आरोप, नहीं होगा विकास
लोगों का मानना है कि अरुण गोविल को डमी कैंडिडेट के रूप में उतारा गया है। बाहरी होने के नाते उन्हें यहां की जनता से कोई सरोकार नहीं है। चुनाव होने के बाद वह वापस मुंबई लौट जायेंगे। मात्र राम का किरदार निभाने की वजह से ही भाजपा ने उन्हें मैदान में उतारा है और उनका पूरा फोकस सिर्फ और सिर्फ लोगों के बीच जाकर राम के किरदार को भुनाना है। अपने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में भी अरुण गोविल स्पष्ट करते हैं कि मेरठ में जातीय समीकरण विकास के मुद्दे आदि को देखना संगठन का काम है। वह यहां सिर्फ जनसंपर्क करने आए हैं। अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी उनका पूरा फोकस सिर्फ और सिर्फ जनसंपर्क पर ही रहा है।

रीयल के नहीं रील के राम
मेरठ के लोगों का यह भी आरोप है कि भाजपा के प्रत्याशी खुद को साक्षात राम ही समझ रहे हैं। वह जनता के बीच जाकर सिर्फ हाथ उठाकर आशीर्वाद देने का कार्य कर रहे हैं। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी भाजपा के प्रति विरोध दर्ज करवाया जा रहा है। लोगों का कहना है असली राम हर समाज के हैं। प्रभु राम ने कभी खुद को प्रभु नहीं कहा, जबकि रील के राम मात्र किरदार निभाकर ही खुद को राम समझ रहे हैं। यदि वह खुद को राम समझेंगे और किरदार से बाहर नहीं निकलेंगे तो लोगों के बीच आकर उनकी समस्याएं भी नहीं जान समझेंगे। यहां की जनता का कहना है कि आगामी पांच साल के लिए यदि भाजपा के राम को चुन भी लिया गया तो यहां सिर्फ और सिर्फ आशीर्वाद देने का कार्य किया जाएगा। क्षेत्र की समस्याएं और मुद्दों पर कोई बात नहीं होगी। विकास नहीं होगा। बीते दिनों पल्लवपुरम क्षेत्र में विकास कार्य न किए जाने को लेकर भी लोगों ने भाजपा के प्रति अपना विरोध दर्ज करवाया था। लोगों को कहना है यदि मेरठ में विकास कार्य और शांति चाहिए तो रामजी करें नकली राम हार जाएं।

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