यदि आप भी भैंस के दूध का सेवन कर रहे हैं तो जरा संभल जाइए…रिपोर्ट्स बताती हैं की इस दूध के सेवन ने मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। जी हां, विशेषज्ञ मानते हैं कि भैंस के दूध में फैट का हाई कॉन्टेंट होता है। यानी वजन बढ़ाने के साथ ही डायबिटीज होने की संभावना भी इससे बढ़ जाती है। Wellhealthorganic. के तहत आपको भैंस के दूध से होने वाले नुकसान और फायदों के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। दुनिया भर में भैंस के दूध के फायदों और नुकसान को लेकर चर्चा बनी रहती है। भारत भैंस के दूध का सर्वाधिक उत्पादन करता हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत और पाकिस्तान दुनियाभर में भैंस के दूध उत्पादन का तकरीबन 80 फीसदी योगदान रखते हैं। गाय के दूध के बाद दूसरे नंबर पर भैंस के दूध की खपत दर्ज की गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भैंस के दूध में अधिक प्रोटीन वसा और लैक्टोज यानी कार्बोहाइड्रेट होता है इसकी वजह से यह दूध पेट को आसानी से भर देता है। कई लोगों में ये बड़ी एलर्जी का भी कारण बनता है।
जानें भैंस के दूध में शामिल पोषक तत्वों को मात्रा
कैलोरी- 243
पानी- 83 %
कार्ब्स- 12 ग्राम
प्रोटीन – 9 ग्राम
फैट- 17 ग्राम
लैक्टोज 13 ग्राम
(प्रति 250 मिली )
मैग्नीशियम 31 मिली
कॉपर – 0.046
विटामिन ए – 53 माइक्रोग्राम
विटामिन बी1 0.052 मिग्रा
विटामिन बी2 0.135 मिग्रा
विटामिन बी3 0.091 मिग्रा
विटामिन बी5 0.192 मिग्रा
विटामिन बी9 6 माइक्रोग्राम
विटामिन सी 2.3 मिग्रा
(प्रति 100 मिलीलीटर)
भैंस के दूध के नुकसान (Buffalo Milk Disadvantages)
1.भैंस के दूध में वसा की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है। यह शरीर में फैट बढ़ाने के साथ ही वजन बढ़ाने का खतरा कई गुना बढ़ा देता है।
- भैंस के दूध में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है साथ ही इसमें कई एलर्जिक तत्व भी पाए जाते हैं। ऐसे में यदि किसी को इन तत्वों से एलर्जी है तो उन्हें कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं।
- जिन लोगों की पाचन क्षमता कमजोर होती है। भैंस के दूध का सेवन उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। भैंस के दूध में उच्च प्रोटीन और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स मिलते हैं। जो दूध को अत्यधिक गाढ़ा बनाते हैं। स्टडीज बताती हैं कि भैंस के दूध में आईजीई-मध्यस्था एलर्जी वाले तत्व शामिल होते हैं। गाय के दूध में शामिल कैसीन, बीटा लैक्टोग्लोबुलिन, प्रोटीन इम्यूनोग्लोबुलिन एलर्जी की तरह ही भैंस के दूध से भी ऐसी एलर्जी हो सकती है। खासकर लैक्टोज इनटालेरेंस वाले लोगों के लिए भैंस का दूध काफी नुकसान दायक होता है। इससे कई तरह की एलर्जी बढ़ने का खतरा रहता है।
- विशेषज्ञ बताते हैं कि भैंस के दूध का अधिक सेवन डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है। इसका सेवन काफी सोच विचार कर करना चाहिए।
- शिशुओं के लिए भी भैंस का दूध पचाना काफी मुश्किल होता है। छोटे बच्चों को भैंस के दूध का सेवन करवाने से बचाना चाहिए।
6.विशेषज्ञ बताते हैं कि भैंस के दूध में अवशोषित कैल्शियम होता है। जिसका सेवन बुजुर्गों के लिए नुकसान देता है।साथ ही भैंस के दूध का अधिक सेवन वजन बढ़ाने की संभावनाएं भी कई गुना बढ़ा देता है।
जानें भैंस के दूध के फ़ायदे (Buffalo milk health benefits in hindi)
- भैंस के दूध के कई फायदे भी हैं। ये दूध कई पोषक तत्वों से भरपूर है। जिससे शरीर मजबूत और स्वस्थ बनता है। भैंस के दूध को अधिक समृद्ध भी माना गया है। यदि शरीर में आयरन की कमी है तो भैंस का दूध इसे ठीक करने में काफी कारगर साबित हो सकता है। भैंस के दूध में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके नियमित सेवन से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और शरीर से खून की कमी दूर होने लगती है।
- ब्लड प्रेशर वाले मरीजों के लिए भी भैंस का दूध पीना काफी फायदेमंद माना जाता है। इस दूध में सोडियम की मात्रा का स्तर कम होता है। जबकि पोटेशियम की अधिक मात्रा पाई जाती है। जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। वहीं हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में भी इसे काफी असरदार माना जाता है। भैंस के दूध में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी काफी कम होता है।
- उच्च प्रोटीन गुणों के कारण ये मांसपेशियों के लिए सर्वोत्तम आहार है। हड्डियों से संबंधित बीमारियों को दूर करने में भी भैंस का दूध काफी फायदेमंद है। इसमें कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोग होने की संभावना भी कम हो जाती हैं।
- विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी जैसी आवश्यक तत्वों की मात्रा भी इस दूध में भरपूर होती है। जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास तेजी से होता है। इससे शरीर कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया की चपेट में आने से बचता है।
- दुर्बल लोगों के लिए भी भैंस का दूध पीना चमत्कारिक रूप से लाभदायक साबित हो सकता है। अधिक कैलोरी और फैट की मात्रा होने की वजह से यह वजन बढ़ाने में कारगर है। भैंस के इन्हीं गुणों के कारण इसका प्रयोग दही, पनीर, मक्खन, घी बनाने में किया जाता है। इसका क्रीमी और रिच टेक्सचर दूध को गाढ़ापन देता है।