कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का महाराष्ट्र की एक प्रेस कांफ्रेंस में अधीर रंजन चौधरी को लेकर दिया गया बयान पश्चिम बंगाल के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के समर्थकों को अच्छा नहीं लगा और आज उन्होंने कोलकात्ता में विधान भवन के सामने होर्डिंग्स पर लगे खड़गे के पोस्टरों पर कालिक पोत कर अपने गुस्से का इज़हार किया, यकीनन समर्थकों की इस हरकत के पीछे अधीर रंजन चौधरी का वो बयान है जो उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर उनपर पलटवार किया था और कहा था वो भी हाईकमान के आदमी है और CWC सदस्य हैं.
दरअसल महाराष्ट्र में खरगे ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि ममता से समर्थन लिया जाए या नहीं इसका फैसला अधीर रंजन चौधरी नहीं हम लेंगे, कांग्रेस पार्टी लेगी, आला कमान लेगा। और जो भी फैसला लिया जाएगा उसे मानना होगा और जो भी इस फैसले को नहीं मानेगा वो पार्टी के बाहर जायेगा। जिसपर अधीर रंजन ने कहा कि वो भी आला कमान के नज़दीकी हैं और CWC के मेंबर हैं। अधीर रंजन ने कहा कि जो पार्टी बंगाल से कांग्रेस को ख़त्म करना चाहती है उनके साथ हम कैसे गठबंधन में रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की लड़ाई है। मैं पार्टी को राज्य में ऐसे खत्म होते हुए नहीं देख सकता। बता दें कि अधीर रंजन चौधरी का ममता बनर्जी से 36 का आंकड़ा है. अधीर रंजन की वजह से ही बंगाल में कांग्रेस और TMC में सीटों का समझौता नहीं हो सका था, एक समय ममता बनर्जी कांग्रेस को पांच सीटें देने को तैयार थीं लेकिन अधीर रंजन के बयानों से ममता नाराज़ हो गयीं और अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। खड़गे इस बात को लेकर अधीर रंजन से काफी नाराज़ थे क्योंकि तृणमूल कांग्रेस से समझौते में वो व्यक्तिगत तौर पर दिलचस्पी ले रहे थे.
जानकारी के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी के समर्थकों ने पोस्टरों पर सिर्फ खड़गे के चेहरे पर स्याही लगाई है, उन्होंने राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के चेहरों को नहीं छुआ उनकी तस्वीरों पर स्याही का निशान नहीं है। हालाँकि ये पोस्टर अब हटा दिए गए हैं लेकिन बात यहीं पर थम जायेगी ऐसा लगता नहीं है. इसका खामियाज़ा अधीर रंजन चौधरी को भुगतना पड़ सकता है जो पहले भी अपने अजीबो गरीब बयानों से कांग्रेस पार्टी को संकट में डालते रहते हैं.