रामचरित मानस पर बढ़ते विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज वर्ण व्यवस्था पर बहुत बड़ा बयान दिया है. मुंबई में संत रोहिदास की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने वर्ण व्यवस्था के लिए ब्राह्मण समुदाय पर दोषारोपण किया। मोहन भगवत ने कहा कि जाति व्यवस्था पंडितों ने बनाई हैं, भगवान् ने नहीं। उन्होंने ब्राह्मणों द्वारा बनाई गयी वर्ण व्यवस्था को गलत भी ठहराया।
धर्म को कभी न छोड़ने की बात कही
मोहन भागवत ने कहा कि भगवान् के सामने सभी लोग एक हैं, वहां कोई जाति या वर्ण नहीं है लेकिन पंडितों ने जाति को जो श्रेणी बनाई है वो गलत है. उन्होंने कहा कि जाति के इस बटवारे का दूसरे लोगों ने बहुत फायदा उठाया है. भागवत ने इसके साथ ही धर्म को किसी भी हालत में न छोड़ने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को बड़े सम्मान के साथ देख रही है.
जाति के बटवारे का लोगों ने फायदा उठाया
भागवत ने कहा कि जाति के इसी बटवारे का फायदा उठाकर हमारे देश में कई आक्रमण हुए, बाहर से लोग आये और इसका फायदा उठाया। भागवत ने सवाल किया कि क्या हिन्दू समाज नष्ट होने का भय दिख रहा है? यह बात आपको ही समझनी होगी, इसे आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता। भागवत ने कहा कि जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा या नीचा कैसे हो गया? कार्यक्रम में बोलते हुए भागवत ने कहा कि संत रोहिदास संत शिरोमणि थे. वो शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके लेकिन उन्होंने विश्वास दिया कि भगवान हैं. संत रोहिदास ने कहा है कि धर्म के अनुसार कर्म करो, समाज को जोड़ो, यही धर्म है. सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही सिर्फ धर्म नहीं है.