उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान धामी सरकार के प्रति बेहद सख्त रवैया अपनाते हुए राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में एक हंगामी मीटिंग के बाद बड़ा फैसला लेते हुए 10 वन कार्मिकों को निलंबित कर दिया, इसके साथ ही सात अन्य के खिलाफ दिसिप्लिनरी एक्शन लेने आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज रूद्रप्रयाग जाकर काफी दिनों से धधकते जंगलों का जायजा लिया। उत्तराखंड के जंगलों में लगी ये आग अब विकराल होती जा रही है. इस आग पर काबू पाने में राज्य सरकार बुरी नाकाम हो रही है और सबकुछ बहगवां भरोसे छोड़ दिया गया है, इस बात का इंतज़ार हो रहा कि पहाड़ों पर बारिश हो और ये आग बुझे। इस आग से हज़ारों करोड़ की वन सम्पदा को अबतक नुक्सान पहुँच चूका है. मुख्यमंत्री धामी जिले के अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं और फीडबैक ले रहे हैं।
वनाग्नि के मामलों में लापरवाही बर्दाश्त न होने होने की अधिकारीयों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा था कि एक्शन ऊपर से नीचे तक होगा। इसी सिलसिले में आज सचिवालय में मुख्यमंत्री धामी ने वनाग्नि को लेकर बैठक की और वनाग्नि नियंत्रण में लापरवाही पर जिम्मेदारी तय करते हुए उनके द्वारा सम्बंधित कार्मिकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्लाउड सीडिंग उपाय नहीं है और न ही बरसात के इंतज़ार में बैठे रह सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 15 मई को करेगा।