राजस्थान में चली आरएसएस की तीन दिवसीय प्रतिनिधिसभा में लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया गया है. आरएसएस के 10000 स्वयंसेवक देश भर में एक सर्वे करके जनता के मूड को भाँपेंगे। हालाँकि संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के मुताबिक प्रतिनिधिसभा में लोकसभा चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. उनका कहना है कि संघ अपनी बैठकों में इस तरह की कोई चर्चा नहीं करता है. हाँ यह ज़रूर कहा है सघ के कार्यकर्त्ता लोगों के बीच जाकर फीडबैक लेंगे और संघ पहले भी ऐसा करता आया है, यह कोई नई बात नहीं है.
6 महीने मैं सौपेंगे रिपोर्ट
संघ इस फीडबैक के लिए दस हज़ार स्वयंसेवकों को ज़िम्मेदारी सौंपेगा। इस सर्वे में चुनाव को लेकर नहीं बल्कि संघ द्वारा किये जा रहे कामों को लेकर सवाल पूछेंगे, ये सवाल संघ के सामाजिक कार्यक्रमों को लेकर पूछेंगे जायेंगे. इस सर्वे से यह पता लगाया जायेगा कि सामाजिक परिवर्तन के कामों के लिए संघ का काम कैसा रहा है. संघ के ये वालंटियर्स 6 महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे. दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि प्रतिनिधि सभा में समाज में विकास के लिए तत्पर रहने वालों को संघ से जोड़ा जायेगा. संघ का लक्ष्य अगले वर्ष एक लाख स्थानों तक पहुँचने का है.
इस साल संघ का कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं
प्रतिनिधि सभा में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए डॉ मनमोहन वैद्य ने कहा कि शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए संघ की ओर से फिलहाल कोई बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा. अगले वर्ष के प्रतिनिधि सभा में किसी भी नई योजना की कार्ययोजना पर चर्चा कर कार्यक्रम बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि संघ कार्य को बढ़ाने के लिए नियमित प्रचारकों, विस्तारकों के अतिरिक्त 1300 कार्यकर्ता शताब्दी विस्तारक पर निकले हैं. इस साल संघ के किसी भी बड़े आयोजन को लेकर जानकारों का कहना है कि संघ ने यह फैसला 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर किया है.