एक तरफ देश में इंडिया अलायन्स जातिगत जनगणना की बात कर रही है, साथ ही संविधान बचाने की बात कर रही है क्योंकि उसका आरोप है कि अगर तीसरी बार केंद्र में भाजपा सरकार बनी ये संविधान को ख़त्म कर देगी और संविधान को ख़त्म करने का मतलब देश आरक्षण भी समाप्त हो जायेगा। वहीँ कांग्रेस के इन आरोपों पर प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पूरे देश में सफाई दे रहे हैं कि आरक्षण कभी समाप्त नहीं हो सकता। इसी बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान भी आया है जो कह रहे कि आरक्षण तब तक दिया जाना चाहिए जब तक कि इसकी जरूरत है।
हैदराबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस का मानना है कि आरक्षण तब तक दिया जाना चाहिए जब तक कि इसकी जरूरत है। मोहन भागवत पहले भी इस तरह की बातें कर चुके हैं। भागवत ने पिछले साल भी कहा था कि जब तक समाज में भेदभाव है तब तक आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि भेदभाव समाज में व्याप्त है, भले ही यह दिखायी नहीं देता हो। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी रैलियों में बार-बार दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी का मकसद संविधान बदल कर देश का लोकतंत्र तबाह करने और दलितों, पिछड़ों एवं आदिवासियों का आरक्षण छीन कर देश चलाने में उनकी भागीदारी खत्म करने का है।
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस लोकसभा चुनाव में यह आरोप लगातार लगा रहे हैं कि चुनाव जीतने के बाद भाजपा संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने के प्रयास में है। वहीँ प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस पार्टी हिन्दू समुदाय की संपत्ति, सोना, और महिलाओं का मंगल सूत्र मुसलमानों में बाँट देगी।