Manipur Violence: मणिपुर में हालात समान्य नहीं हैं। हिंसा और अधिक बेकाबू होती जा रही है। सूत्रों की माने तो पूर्वी मणिपुर के थंगजिंग क्षेत्र में स्वचालित हथियारों से लगातार गोलियां चलाई जा रही है। इसके अलावा कांगचुप क्षेत्र में गेलजैंग और सिंगडा से भी फायरिंग हो रही है।
मणिपुर के दो क्षेत्रों में गोलीबारी हो रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक रात आठ बजे से शुरू हुई फायरिंग आज सुबह तक जारी थी। गेलजैंग और सिंगडा में रुक रुककर फायरिंग हो रही है। हालांकि फायरिंग में किसी को निशाना नहीं बनाया गया है। मणिपुर से लेकर जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु तक गहरे संकट से गुजर रहे हैं। ऐसे हर मामले में तात्कालिक वजह राजनेताओं और राजनीतिक.सामाजिक संगठनों द्वारा सामान्य बनाई अतिरंजित बयानबाजी। इन बयानबाजी में देश के नागरिकों पर बाहरी और घुसपैठिया होने जैसे आरोप लगाए हैं। उन्हें लेकर लव जिहाद जैसे शब्द इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
ऐसी हिंसक भाषणों का चुनाव प्रचार अभियानों के दौरान जमकर उपयोग होता है। सोशल मीडिया इसे और अधिक प्रचारित प्रसारित करने का काम करता है। ऐसे अपुष्ट दावे और आरोप अंततः नागरिक समाज में विभाजन पैदा करते हैं। मणिपुर में इस समय यही हो रहा है। जहां घाटी में रहने वाले मैतेई, जिनमें अधिकांश हिंदू हैं। पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी जनजाति के लोग जिनमें से अधिकांश ईसाई हैंं। तनाव अनियंत्रित हिंसा में बदल गया है।
संकट की शुरुआत 1 मई को हुई जब जनजातीय छात्र संगठन ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के खिलाफ विरोध आयोजित किया। अज्ञात लोगों ने प्रदर्शन पर हमला किया और जनजातीय लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। उसके बाद से गृहमंत्री और केंद्रीय सुरक्षा बलों का ध्यान राज्य के हालात की ओर दिलाया गया। लेकिन इसका बहुत अधिक असर नहीं हुआ। अब जबकि हालात काफी खराब हो चुके हैं। ऐसे में हालात जल्दी समान्य होने की उम्मीद कम ही है। पूर्वी मणिपुर के थंगजिंग क्षेत्र में आधुुनिक हथियारों से गोलियां चलाई जा रही है। इसके अलावा कांगचुप क्षेत्र में गोली चलने की सूचना आ रही है। सूचना पाकर असम राइफल्स के जवान दोनों जगहों पर पहुंचे हैं। फिलहाल गोलीबारी के दौरान किसे के घायल होने की जानकारी नहीं है।
Manipur Violence: मणिपुर के लगातार हो रही फायरिंग, जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसिया
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