ठगी का नया तरीका, व्हाट्स एप पर विदेशी नंबरों से कॉल कर जालसाज ऐंठ रहे पैसे
पारुल सिंघल
हेलो, मैं इंस्पेक्टर विजय कुमार बोल रहा हूं। आपके बेटे को रेप केस में चार लड़कों के साथ पकड़ा है। उसे पर 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। उसकी बहुत पिटाई हुई है। सुन लो, (दूसरी तरफ से रोते हुए बच्चे की आवाज आती है) “मम्मी बचा लो, पापा बचा लो”। मामला रफा दफा करने के लिए दूसरी तरफ से व्यक्ति पैसों की मांग करता है। साथ ही एक नंबर या लिंक भी देता है। जिस पर तुरंत ही पैसे भेजने के लिए कहता है।पैसे न होने पर व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर लिया जाता है। उन्हें फोन ना काटने के निर्देश दिए जाते हैं, साथ ही यह भी निर्देश दिए जाते हैं कि वह तुरंत ही पैसों का इंतजाम करें। उनकी सारी एक्टिविटीज पर कॉल करने वाला व्यक्ति नजर नजर रखता है।… इन सब से घबरा कर कई मामलों में पीड़ित व्यक्ति ने दिए गए नंबर पर पैसे ट्रांसफर भी कर दिए । बाद में पता चला कि उक्त व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो गया है। मेरठ समेत देश भर में इस तरीके के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं। बड़ी बात यह है कि साइबर ठगी के इस नए तरीके को लेकर पुलिस कुछ खास सफलता हासिल नहीं कर पा रही है। बीते दिनों मेरठ में इस तरह के कई मामले उजागर हुए हैं। साइबर ठगों ने लोगों की मेहनत की कमाई में सेंध लगाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। यदि आपके पास भी इस तरह का कॉल आए तो डरने की बजाय सावधान हो जाएं।
ठग बच्चों को कर रहे टारगेट
साइबर ठगी के कई तरीके अब तक सामने आ चुके हैं। इनमें इंश्योरेंस, बैंक, बिजली विभाग के कर्मचारी या अधिकारी बनकर पैसे मांगने या ओटीपी मांगकर पैसे उड़ाने का तरीका अब लोगों की समझ में आ चुका है। वहीं क्यूआर कोड, मेल के जरिए लिंक व एसएमएस भेजकर दिए गए पैसे वापस मांगने जैसे तरीके भी काफी हद तक लोगों को समझ में आ चुके हैं। जिसके बाद साइबर ठगों ने बच्चों को टारगेट करना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञ बताते हैं कि बच्चे सॉफ्ट टारगेट होते हैं उनके नाम पर आसानी से पैसा मिल जाता है। बच्चों के कानून के शिकंजे में होने की बात सुनकर अधिकतर माता-पिता बहुत जल्दी घबरा जाते हैं। बिना कुछ सोचे समझे या ज्यादा दिमाग लगाए बिना ही डर कर वह पैसे भी ट्रांसफर कर देते हैं। इसीलिए जाल साज अब इन तरीके के कॉल कर आसानी ने ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं।
इस तरह की आ सकती हैं कॉल
साइबर सेल के अधिकारी कर्मवीर सिंह बताते हैं कि ठगी के लिए कई तरह से कॉल आ सकती हैं। जिनमें सभी का पैटर्न लगभग एक जैसा होता है। बच्चे के दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार करने, किसी अन्य संगीन अपराध में पकड़ने, स्मैक, चरस या ड्रग के मामले में पकड़ने जैसी बात कहकर पैसे मांगते हैं। ठगी करने वाला व्यक्ति आवाज को क्लोनिंग भी सुना देता है ताकि माता पिता को पूरा यकीन हो जाए।
कई तरह की एप उपलब्ध
कर्मवीर सिंह बताते हैं कि इन दिनों कई तरह की एप उपलब्ध हैं। जिनके जरिए कहीं भी बैठकर बाहर का या किसी भी क्षेत्र का नंबर जेनरेट किया जा सकता है। आवाज को क्लोनिंग और व्हाट्स एप वेरिफाई आदि के लिए भी एप उपलब्ध हैं। इन्हीं के जरिए साइबर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। सभी कॉल इंटरनेट या किसी एप की मदद से की जाती हैं।
किसी भी सूरत में न करें पैसे ट्रांसफर
कर्मवीर सिंह बताते हैं कि इस तरह की कॉल आने पर जरा भी न घबराएं। बच्चे की लोकेशन लें। यदि बच्चा बाहर है तो उसे कॉल करें। किसी वजह से बच्चे का फोन ना मिले या फोन बंद जाए तो उसके दोस्त, स्कूल या संस्थान से संपर्क करें। ये भी ध्यान रखें की क्राइम की कोई भी घटना होने पर असली पुलिस फोन पर पैसों की कोई मांग नहीं करती है।
साइबर क्राइम का लगातार बढ़ रहा आंकड़ा
मेरठ में साइबर क्राइम तेजी से पैर पसार रहा है। बीते दो सालों में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं। वर्ष 2022 की बात करें तो सत्रह सौ मामले साइबर ठगी के मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2023 में ये आंकड़ा तकरीबन 25 सौ मामलों पर पहुंच गया। वहीं 2024 में चार महीनों में चार सौ के अधिक मामले दर्ज हुए हैं। एसपी क्राइम अनीत कुमार के मुताबिक साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। इस तरह के कई मामले संज्ञान में चुके हैं। कुल मामलों के तकरीबन 5 प्रतिशत मामले इसी तरह के हैं।पुलिस प्रशासन इन पर प्रभावी और त्वरित कार्रवाई के पूरे प्रयास कर रही है।