कोरोना महामारी से लड़ने के लिए अपनी वैक्सीनों से भारत ने जहाँ पूरी दुनिया की सहायता की वहीँ अपनी ताकत का लोहा भी मनवाया, कोरोना महामारी से भारतीय दवा कंपनियों के इन्नोवेशंस अभी जारी हैं, इसी सिलसिले में भारतीय दवा कंपनी भारत बायोटेक ने पहली मेड इन इंडिया नज़ल वैक्सीन ‘इनकोवैक’ बनाई और आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और विज्ञान और तकनीकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने उसे आधिकारिक रूप से लांच किया। अब यह नज़ल वैक्सीन जोकि एक नज़ल ड्राप है देश के सरकारी और निजी अस्पतालों में उपलब्ध रहेगा।
निजी अस्पतालों में 800 रूपये की
नेजल वैक्सीन iNCOVACC की प्रति डोज़ निजी अस्पतालों में 800 रूपये की पड़ेगी वहीँ सरकार को यह नज़ल ड्राप 325 रूपये का पड़ेगा। कोविड महामारी से जहाँ दुनिया के कई देश अब भी बहुत परेशान हैं वहीँ भारत में इस महामारी पर लगभग लगाम लग चुकी है, इसके बावजूद भी सरकार किसी तरह की लापरवाई नहीं बरत रही है. भारत बायोटेक की इस नज़ल ड्राप को कोरोना से लड़ाई में एक बड़ा हथियार बताया जा रहा है.
सिर्फ चार बूँद काफी
इस नज़ल वैक्सीन को बूस्टर डोज़ की तरह लिया जा सकता है, जो लोग वैक्सीन के रूप बूस्टर डोज़ नहीं लेना चाहते हैं वो नज़ल ड्राप के रूप में इसे ले सकते हैं. इसके लिए ज़रूरी नहीं कि इससे पहले उन्होंने कौन सी वैक्सीन ले रखी है, कोरोना वैक्सीन की पहली दो डोज़ भले ही आपने किसी और कंपनी की ले राखी हों, इसे बतौर बूस्टर डोज़ लिया जा सकता है. अगर किसी ने इससे पहले बूस्टर डोज़ ले रखी है उसके लिए यह नज़ल ड्राप नहीं है. बता दें कि 23 दिसंबर को केंद्र सरकार ने इस नज़ल ड्राप को मंज़ूरी दी थी. जानकारी के मुताबिक iNCOVACC की सिर्फ चार बूँद ही पर्याप्त हैं.