अमित बिश्नोई
तीन दिसम्बर को देश के पांच राज्यों के चुनाव संपन्न हो गए और शाम तक पोल्स्टर्स ने आभासी सरकारें भी बनवा दीं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें देश के दो नामचीन टीवी एंकर और उनके मीडिया हाउस के लिए एग्जिट पोल करने वाली कंपनी के बॉस मध्य प्रदेश के एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर बातचीत कर रहे हैं, टीवी एंकर पोल्स्टर से पेश किये नतीजों पर सवाल उठा रहे हैं और बार बार पूछ रहे हैं कि आपने जो नतीजे दिए हैं क्या वाकई में सही हैं, पोल्स्टर भी कहता मैं भी हैरान हूँ. दोनों एंकर फिर कहते हैं कि भाई नतीजे गलत आये तो गालियां तो मुझे पड़ेंगी। इसमें पोल्स्टर की तरफ से कही गयी ये बात “मैं तो रिजल्ट से पहले रिजल्ट देने की कोशिश करता हूँ, कभी कभी गलत हो गया तो ठीक है”, काफी मायनेखेज है. पोल्स्टर के इसी जुमले से हंगामा मचा हुआ है और कहा जा रहा है कि एग्जिट पोल के ज़रिये भाजपा मध्य प्रदेश में माहौल बनाने की कोशिश कर रही है ताकि इसी तरह के नतीजे आने पर कोई बखेड़ा न खड़ा हो लेकिन इस वायरल वीडियो से रिजल्ट से पहले बखेड़ा खड़ा ही हो गया.
वीडियो वायरल होने के फ़ौरन बाद कांग्रेस नेता कमलनाथ का वीडियो सन्देश भी सामने आया कि ये एग्जिट पोल के ज़रिये कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करने की साज़िश है, ताकि अधिकारीयों के ज़रिये काउंटिंग के दौरान चुनाव को प्रभावित किया जा सके. कुछ एग्जिट पोल के ज़रिये झूठा माहौल बनाकर भाजपा चुनाव अधिकारीयों पर दबाव बनाना चाहती है. कमलनाथ ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि सौ फ़ीसदी कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है इसलिए मतगणना के दिन पूरी तरह चौकन्ने रहते हुए मतगणना स्थल पर मौजूद रहने और आँखें खुली रखने की ज़रुरत है और अधिकारीयों को किसी भी तरह की गड़बड़ी से रोकना सबसे अहम् है, किसी भी गड़बड़ी की हालत में उनसे सीधे संपर्क करने और पीसीसी से संपर्क साधने की सलाह दी गयी है.
ये तो सभी जानते हैं कि नज़दीकी मुकाबलों में डीएम और एसपी के ज़रिये चुनाव को कितना प्रभावित किया जा सकता, चुनावी इतिहास में इसके अनगिनत उदाहरण आपको मिल जायेंगे। जिस राज्य में जब आमने सामने की लड़ाई होती है तो कम से दस से पंद्रह प्रतिशत सीटें कम मार्जिन वाली होती हैं, कहीं कहीं पर मार्जिन इतना कम होता हैं कि हारने और जीतने वाले दोनों को यकीन नहीं होता। पिछले बिहार के चुनाव में देखा गया था कैसे RJD को पांच सीटों पर अंत समय में हराया गया, अधिकारीयों ने रीकाउंटिंग का अनुरोध तक ठुकरा दिया था. अगर हम मध्य प्रदेश में मतदान से पहले के किसी भी ओपिनियन पोल को देखें तो किसी ने भी भाजपा को इतनी सीटें नहीं दी जितनी कि दो टीवी चैनलों ने अपने एग्जिट पोल में दी. ये दो टीवी चैनल न सिर्फ भाजपा की सरकार बना रहे हैं बल्कि बम्पर जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं. मध्य प्रदेश को लेकर 10 एग्जिट पोल्स आये हैं जिनमें से सिर्फ दो पोल्स ऐसे हैं जो भाजपा की बहुमत वाली सरकार बना रहे हैं, बाकी के नतीजों और इन दोनों चैनलों के नतीजों में इतना ज़्यादा अंतर है जिसपर एग्जिट पोल करवाने वालों को खुद भी यकीन नहीं है और यही बात वायरल वीडियो में हो रही है.
एक और बड़ा सवाल ये भी उठ रहा है कि इस बातचीत की वीडियो किसने बनाई और इसे सोशल मीडिया पर डालने की वजह क्या थी. इस बात पर लोग अपनी तरह से आंकलन कर रहे हैं. कुछ का कहना है कि ये वीडियो इन दोनों टीवी ऐंकरों ने शूट कराकर सोशल मीडिया पर वायरल कराया है और ये बताने की कोशिश की है उन्हें एग्जिट पोल के इन नतीजों पर भरोसा नहीं है जो कुछ गड़बड़ घोटाला हुआ है वो एग्जिट पोल कराने वाली कंपनी की तरफ से हुआ, चैनल का इसमें किसी तरह का कोई हाथ नहीं है. वहीँ कुछ राजनीतिक विश्लेषकों और कांग्रेस पार्टी का कहना है कि एग्जिट पोल के ज़रिये चुनावी भ्रष्टाचार करने की साज़िश है. चुनावी भ्रष्टाचार की बात तो पहले से चल रही थी क्योंकि एक अन्य वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पोस्टल बैलटों को खोलने और उसकी गिनती करते हुए देखा जा सकता है, उस मामले में SDM पर कार्रवाई हुई मगर डीएम साहब को बचा लिया गया. अब इस वीडियो के सामने आने के बाद उसे पहले वाले वीडियो से जोड़ा जा रहा है और कहा जा रहा है कि भाजपा मध्य प्रदेश में किसी भी हाल में जीतना चाहती है भले ही कोई भी तरीका अपनाना पड़े. ये बात भी सच है कि पांच राज्यों में सिर्फ मध्य प्रदेश में भाजपा की सत्ता है और ब्यूरोक्रेसी को मैनेज वो सिर्फ मध्य प्रदेश में कर सकती है. बहरहाल अब कुछ ही घंटे बचे हैं, कल सारी तस्वीर सामने आ जाएगी, मगर हालात तो ऐसे बन ही गए हैं कि अगर मध्य प्रदेश भाजपा सही तरीके से भी इतने बहुमत वाली सरकार बनाती है, लोगों का शक तो बरकरार ही रहेगा।