depo 25 bonus 25 to 5x Daftar SBOBET

हाई कोर्ट से नहीं मिली केजरीवाल को राहत, गिरफ़्तारी को ठहराया सही

नेशनलहाई कोर्ट से नहीं मिली केजरीवाल को राहत, गिरफ़्तारी को ठहराया सही

Date:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट ने सही ठहराते हुए कहा कि न्याय की नज़र में सभी बराबर, किसी को इसलिए छूट नहीं दी जा सकती कि वो मुख्यमंत्री है, कोर्ट ने कहा कि ED के पास केजरीवाल के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अदालत ने कहा कि किसी की सुविधा के अनुसार जांच नहीं की जा सकती। हाई कोर्ट के इस फैसले से केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बड़ी निराशा हुई है जो अदालत से बड़ी उम्मीदें लगाए हुए थे. हालाँकि लोगों का मानना था कि हाई कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिलने वाली। अपनी गिरफ़्तारी के खिलाफ केजरीवाल अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं.

आज फैसला सुनाते हुए जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने इस बात को मानने से इंकार कर दिया कि केजरीवाल की गिरफ़्तारी चुनाव को प्रभावित करने की वजह से हुई है, अदालत ने कहा कि कानून की नज़र में मुख्यमंत्री एक आम आदमी से ऊपर नहीं, उसे कोई विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता। अदालत ने कहा जहाँ तक सरकारी गवाह बनने और उसके बयान पर सवाल उठाया जा रहा है तो सरकारी गवाह के बयान अदालत में दर्ज होते हैं, उसपर सवाल उठाना मतलब अदालत पर सवाल उठाना है. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि गवाह से क्रॉस क्वेश्चन किया जा सकता है लेकिन निचली अदालत में , हाई कोर्ट में नहीं. अदालत ने कहा कि ये मामला ED और केजरीवाल के बीच है न कि दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच.

इससे पहले अदालत ने कहा कि ये मामला ज़मानत का नहीं, यहाँ पर गिरफ़्तारी के वैध और अवैध होने का मामला है. अदालत ने कहा कोर्ट संविधान के हिसाब से चलता है उसपर राजनीति के मामलों का कोई असर नहीं होता. अदालत ने कहा कि केजरीवाल को सिर्फ इस बात के लिए छूट नहीं दी जा सकती कि उन्हें चुनाव प्रचार करना है. ED के पास केजरीवाल की गिरफ़्तारी के पर्याप्त सबूत हैं इसलिए अदालत केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही मानती है. बता दें कि शराब नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ़्तारी 21 मार्च को हुई थी, 22 मार्च को उन्हें 6 दिनों के लिए ED की रिमांड में भेजा गया था. 28 मार्च को उनकी रिमांड चार दिन के लिए बढ़ाई गयी, इसके बाद 1 अप्रैल को उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

22 मार्च को रिमांड के आदेश को केजरीवाल ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को अवैध बताया था. तीन अप्रैल को इस मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

क्या गौतम स्वीकारेंगे BCCI का ऑफर?

अमित बिश्नोईगौतम गंभीर अपने नाम की तरह ही काफी...

लखनऊ में अखिलेश का दावा, यूपी की 79 सीटें अपनी और क्योटो में है टक्कर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज कांग्रेस अध्यक्ष...

मेरे भाई जैसा सांसद आपको नहीं मिलेगा, प्रियंका

कांग्रेस महासचिव और राहुल गाँधी की बहन प्रियंका गाँधी...

2027 तक जर्मनी और जापान से आगे जीडीपी में निकल जाएगा भारत: अमिताभकांत

नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत...