चुनाव जीतने के लिए अक्सर राजनेता भावुकता का सहारा लेते हैं, वो कई ऐसी भावुक अपीलें करते हैं, जिससे मतदाता उसके प्रति भावुक हो जांय और उसी भावुकता में उसे वोट कर दें। इन अपीलों में जो सबसे असरदार अपील होती है वो है “ये मेरा अंतिम चुनाव”. जो एक तरह से तरस खाने वाली अपील मानी जाती है, और उम्मीदवार का आखरी हथियार भी. अक्सर ये अपील काम भी करती है खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने राजनीती को एक लम्बा समय दिया होता है, कई बड़े पदों पर रहकर, मुख्यमंत्री और मंत्री रहकर सेवा की हुई होती है. इस मारक अपील से अबतक बहुत से लोगों ने अपना आखरी चुनाव जीता भी है, हालाँकि कई लोग बाद में मुकरे भी है और फिर चुनाव में किस्मत में आज़माई है. इस बार ये अपील कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की तरफ से आयी है जिनका राजनीति में एक लम्बा सफर है, केंद्र में मंत्री रह चुके हैं, दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इसबार राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हैं.
राजगढ़ वैसे तो परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ और दिग्विजय सिंह की कर्म भूमि रही है लेकिन पिछले दो चुनावों से यहाँ भाजपा के रोडमल नागर चुनाव जीत रहे हैं, और इसबार वो जीत की हैट्रिक लगाना चाहते हैं. ऐसे में उन्हें रोकने के लिए दिग्विजय सिंह ने एक बड़ा दांव खेला है, वोटरों को प्रभावित करने के लिए उन्होंने कहा है कि ये उनके जीवन का आखिरी चुनाव है. अपने एक भावुक एक्स सन्देश में दिग्विजय सिंह ने राघोगढ़ से अपने रिश्ते के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मैं जीवन भर अपने पिता की दी गयी सीख पर चलता रहा, इसमें कितना सफल रहा, इसका फैसला आप लोग कर सकते हैं क्योंकि ये मेरा आखरी चुनाव है.
राजगढ़ लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में चुनाव है, सात मई को मतदान होना है, आज शाम यहाँ चुनाव प्रचार थम जाएगा. मतदान से दो दिन पहले दिग्विजय सिंह ने एक भावुक अपील करके एक बड़ा दांव खेला है. अब देखना होगा कि उनकी इस अपील का कितना असर पड़ता है. पिछली बार दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़े थे और उन्हें प्रज्ञा ठाकुर से हार मिली थी. दिग्विजय सिंह अक्सर अपने बयानों से सुर्ख़ियों में बने रहते हैं जिनकी वजह से कांग्रेस पार्टी कभी असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है तब दिग्विजय सिंह को आगे आकर सफाई देनी पड़ती है कि ये उनका व्यक्तिगत बयान है.