नई दिल्ली। कोरोना का संक्रमण गर्भवती महिला के भ्रूण और गर्भनाल के लिए खतरनाक हो सकता है। एक शोध में दावा किया है। जिसके मुताबिक, संक्रमण से गर्भ में पल रहे बच्चे के अंग और मस्तिष्क का विकास प्रभावित हो सकता है।
शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि महामारी के दौरान कोरोना के कई वेरिएंट से कई तरह के नुकसान सामने आए हैं। इस तरह के मामलों की संख्या अब प्री-ओमिक्रॉन वेरिएंट से भी अधिक है। शोध में कहा है कि संक्रमण से गर्भाश्य के ऊपरी हिस्से पर प्रभाव पड़ता है। जो अजन्मे नवजात के विकास और उसके स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है।
सामान्य स्प्रे से बच्चों में सांस लेने की तकलीफ होगी दूर
नाक से दी जाने वाली साधारण स्प्रे से बच्चों में खर्राटे और सांस लेने में कठिनाई कम होगी। हाल ही में बच्चों पर किए सर्वे में यह बात सामने आई। इस दौरान लगभग 40 प्रतिशत बच्चों को नाक में स्प्रे के बाद खर्राटों और तेज आवाज के लक्षणों में काफी कमी आई। अध्ययन में शामिल किए गए बच्चों की उम्र 3 से 10 साल के बीच रही। बच्चों पर हुए नेजल स्प्रे के परीक्षण को द रॉयल चिल्ड्रन अस्पताल और मोनाश चिल्ड्रन अस्पताल में किया गया।