न्यूयार्क। वैश्विक चुनौतियों के बीच अमेरिका में छंटनी का दौर तेजी पकड़ रहा है। कई बड़ी टेक कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इसका असर उनके परिवार पर पड़ रहा है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पर गहरी चिंता जाहिर की है।
अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने के प्रयास
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जीन पियरे ने कहा कि अमेरिक राष्ट्रपति समझते हैं कि किसी की नौकरी जाने का असर उसके परिवार पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए प्रयास कर रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि अमेरिक अर्थव्यवस्था सभी के लिए काम कर रही है।
भारतीयों के लिए नौकरी पाना चुनौती
अमेरिका में जिन लोगों को नौकरी से बाहर किया है। उसमें बड़ी संख्या में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स हैं। वे H-1B वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं। अब देश में रहने के लिए उन्हें वीजा नियमों के आधार पर एक तय समय में नई नौकरी खोजना होगा, जो काफी चुनौती है। बता दें कि H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है। जिसके मुताबिक अमेरिकी कंपनियों को विदेशी श्रमिकों को नियोजित करने की अनुमति मिलती है।
गूगल से लेकर फेसबुक तक में बड़ी छटनी
आईटी कंपनियों की बात करें तो गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक तक में छंटनी शुरू है। पहले माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और अमेजन कंपनियों ने अपने कर्मचारी बाहर किए। इसके बाद गूगल जैसी कंपनी ने 12,000 कर्मचारियों को बाहर कर दिया। इससे पहले अमेजन ने 18 हजार और मेटा ने 10 हजार कर्मचारियों को निकाला था।