VHP meeting विश्व हिंदू परिषद VHP की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में धर्मांतरण और समलैंगिक विवाह जैसे मुद्दे चर्चा के केंद्र में रहे। बैठक में संतों और विहिप पदाधिकारियों ने साफ कहा कि समलैंगिक विवाह किसी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर देश का कानून इसकी मान्यता देता है तो संसद को अदालत के निर्णय को पलटने के लिए तैयार रहना होगा।
देश भर से आए साधू संतों ने धर्मांतरण और घर वापसी को लेकर दिवाली से 15 दिन पहले धर्मजागरण अभियान चलाने पर सहमति दी है। गुरुवार को कनखल स्थित निष्काम सेवा आश्रम में विश्व हिंदू परिषद विहिप की केंद्रीय मार्गदर्शक की बैठक का पहला दिन रहा। जिसमें समलैंगिक विवाह, धर्मांतरण, जनसांख्यिक वृद्धि रोकने, लैंड और लव जिहाद पर गंभीर चर्चा की गई।
अभियान में प्रमुख संत लेंगे भाग
बैठक में संतों ने देशभर में बढ़ रहे धर्मांतरण मामलों को लेकर चिंता जताई। संतों ने बैठक में कहा धर्मांतरण को रोकने के लिए प्रदेश सरकारों को प्रभावी कानून बनाने चाहिए। बैठक में निर्णय लिया गया कि दिवाली से 15 दिन पहले देशभर धर्मांतरण और घर वापसी को लेकर अभियान चलाया जाएगा। अभियान में सभी प्रमुख संत भाग लेंगे।
संतों ने समलैंगिक विवाह को रोष जताया और कहा कि यह आर्य समाज और हिंदू धर्म के खिलाफ खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में ऐसी विकृत मानसिकता से उपजी व्यवस्था के लिए कोई जगह नहीं है। संतों ने कहा कि सनातन संस्कृति को ध्यान में रखकर ही कोर्ट को समलैंगिक कानून से जुड़े विषय पर कोई निर्णय देना चाहिए।
संतों ने वेब सीरीज और सोशल मीडिया पर अश्लीलता की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी रोष जताया। हिंदू धर्म को लेकर सोशल मीडिया पर फैला रही भ्रांतियों का तार्किक ढंग से विरोध करने पर जोर दिया। बैठक में भाग लेने के लिए करीब 350 संत और 70 साध्वी धर्माचार्याें पहुंचे हैं।