2000 Rupee exchange: 2000 रुपए का नोट बदलने के लिए आज मंगलवार को सरकार की तरफ से जो कवायद शुरू की गई है। आज इस दौरान 2016 जैसी नोटबंदी के दौरान हुई अफरातफरी तो नहीं दिखी। लेकिन बुजुर्ग लोग जानकारी के अभाव में परेशान जरूर दिखाई दिए। एक बैंक शाखा पर आरबीआई के फैसले के बाद हड़बड़ा कर दो हजार का नोट लेकर पहुंची कुछ महिलाओं को यह पता नहीं था कि सरकार ने इसके लिए चार महीने का समय दिया है। बैंककर्मियों के समझाने के बाद महिलाएं आश्वस्त हुईं।
बैंक कर्मियों ने महिलाओं को बताया कि एक बार में अधिकतम दस नोट बदले जा सकते हैं। बैंक पहुंची बुजुर्ग माया देवी नाम की महिला ने बताया कि सरकार के इस तरह के फैसलों से अकेले रहने वाले बुजुर्गों को परेशानी होती है। उनके लिए नोट बदलने का प्रबंध सरकार को अलग से करना चाहिए। हालांकि आज नोट बदली के पहले दिन बैंकों में अफरातफरी नहीं दिखी। कहीं किसी भी शाखा पर 2016 की नोटबंदी जैसे हालात नहीं रहे। 8 नवंबर 2016 को देश में चलन में मौजूद 86 प्रतिशत नोटों को बंद कर अमान्य करार कर दिया गया था। जबकि इस बार 2000 रुपए के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे सिर्फ उन्हें चलन से बाहर किया जा रहा है।
सामान्य ढंग से हुआ बैंकों में कामकाज
आज नोट बदली के दौरान बैंकों में माहौल सामान्य रहा। बैंक अधिकारी बोले आज शाखाओं पर ना तो अधिक भीड़ दिखी और ना अफरातफरी वाला माहौल। बैंक परिसर में आम दिनों की तरह ही सामान्य ढंग से कामकाज हुआ। वसुंधरा स्थित एक बैंक के अधिकारी ने बताया कि 2000 के नोटों की बदली के पहले दिन बैंक पर अधिक भीड़ नहीं दिखी।
जमा राशियां मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वीकार किया जा रहा है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा था कि बैंक खातों में नकदी बदलने और जमा करने के लिए पर्याप्त समय है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रणाली में न केवल आरबीआई के पास, बल्कि बैंकों द्वारा संचालित करेंसी चेस्ट में भी पर्याप्त मात्रा में मुद्रित नोट उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘नोटों के पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और चिंता करने की कोई बात नहीं है।