नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नोएडा की मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए खांसी के सिरप पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि सिरप का बच्चों के लिए उपयोग नहीं होना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि उज्बेकिस्तान में बच्चों के लिए नोएडा कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए दो कफ सिरप का उपयोग जीवन के लिए नुकसान देह हो सकता है। चिकित्सा उत्पाद चेतावनी में डब्लूएचओ ने कहा है कि मैरियन बायोटेक निर्मित घटिया चिकित्सा उत्पाद है। यह गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल हैं।
दूषित सिरप बताया
डब्ल्यूएचओ ने वेबसाइट पर जारी अलर्ट में कहा है कि डब्ल्यूएचओ मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट दो सिरप के उपयोग नहीं करने की चेतावनी जारी करता है। यह सिरप उज्बेकिस्तान में पहचाना गया है और इसके बारे में रिपोर्ट किया गया है। यह दूषित सिरप चिकित्सा ऐसे उत्पाद हैं जो गुणवत्ता या विशिष्टताओं को पूरा करने में असफल रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने दोनों सिरप के नाम भी खोले हैं। इनके नाम AMBRONOL सिरप और DOK-1 मैक्स सिरप हैं। दोनों सिरप के निर्माता मैरियन बायोटेक प्रा.लि.नोएडा हैं। आज तक निर्माता ने सुरक्षा पर डब्ल्यूएचओ को इन उत्पादों की गुणवत्ता और गारंटी नहीं दी है। बीते दिसंबर में उज्बेकिस्तान ने दावा किया था कि कफ सिरप पीने से उनके यहां 18 बच्चों की मौत हुई है।
उज्बेकिस्तान सरकार ने बच्चों की मौत का जिम्मेदार नोएडा की दवा कंपनी को ठहराया था। दावा किया गया कि फार्मास्यूटिकल कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए Dok-1 Max सिरप पीने से बच्चों की मौत हुई। इस दवा कंपनी ने 2012 से उज्बेकिस्तान में दवा बेचनी शुरू की थी। सूत्रों के अनुसार, कंपनी द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप इंडिया में नहीं बेचा जा रहा।