देहरादून। जोशीमठ आपदा से प्रदेश के शीतकालीन पर्यटन को तगड़ा झटका लगा है। दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटक अब होटलों में एडवांस बुकिंग रद कर रहे हैं। उधर, नृसिंह मंदिर में शीतकालीन प्रवास के दौरान बदरीनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालु नहीं पहुंच रहे हैं।
ठंड के मौसम में देश दुनिया से पर्यटक जोशीमठ और औली सहित अन्य पर्यटक स्थल पर बर्फबारी का आनंद लेने को आते हैं। लेकिन इस बार जोशीमठ भू-धंसाव की खबरों के बाद से शीतकालीन पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है। इससे होटल कारोबार और स्थानीय लोगों के रोजगार पर तगड़ा असर पड़ा है।
नृसिंह मंदिर नहीं पहुंच रहे श्रद्धालुगण
बदरीनाथ कपाट बंद होने के बाद भगवान बदरी विशाल की डोली जोशीमठ नृसिंह मंदिर में विराजमान होती है। यहां श्रद्धालु दर्शन और पूजा अर्चना के लिए आते हैं। गत सात जनवरी तक मात्र 4 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ही नृसिंह मंदिर में बदरीनाथ के दर्शन को आए हैं। इसके बाद से श्रद्धालुओं का बंद हो गया है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जाहिर की चिंता
उत्तराखंड पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जोशीमठ आपदा को सोशल मीडिया पर जिस तरह से प्रचारित किया है। उससे पर्यटक डर के कारण अपनी बुकिंग रद करा रहे हैं। जोशीमठ को छोड़कर उत्तराखंड में सभी पर्यटक स्थल पर्यटकों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं। जोशीमठ आपदा से शीतकालीन पर्यटन पर गहरा असर पड़ा है। सरकार औली में होने वाले शीतकालीन खेलों को संपन्न कराने का प्रयास कर रही है।