जोशीमठ। जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से स्थिति बिगड़ती जा रही है। भू-धंसाव ने अब पूरे जोशीमठ के सभी वार्डों को अपनी चपेट में ले लिया है। पूरा जोशीमठ भू-धंसाव से परेशान है। अब इस मामले की निगरानी पीएमओ अपने स्तर से कर रहा है। इसके लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक सैनी को तैनात किया है। जो पल—पल के अपडेट से पीएमओ को अवगत करा रहा है। पीएमओ की ओर से लगातार मामले में अपडेट लेकर दिशा—निर्देश दिए जा रहे हैं। लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए भी कहा गया है।
बता दें कि भू धंसाव के कारण अभी तक जोशीमठ से 66 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। आज खबर लिखे जाने तक कुल 77 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। राज्य सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गुरुवार को आज विशेषज्ञों का एक दल जोशीमठ पहुंचा है। जो हालातों का जायजा ले रहा है।
एसडीसी फाउंडेशन ने उत्तराखंड में आने वाली प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस की जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, जोशीमठ में 500 घर रहने लायक नहीं हैं। रिपोर्ट में जोशीमठ में लगातार हो रहे भू—धंसाव को लेकर चिंता जताई है। रिपोर्ट का प्रमुख हिस्सा इस बार जोशीमठ के भूधंसाव को लेकर ही जारी किया गया है। रिपोर्ट में कहा है कि शहर के 500 से अधिक घर रहने लायक नहीं हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। जिसके कारण 24 दिसंबर को सड़कों पर उतरना पड़ा है। पहली बार हुए इस प्रदर्शन में जोशीमठ की करीब आठ सौ दुकानें बंद रहीं थीं। जोशीमठ धंसाव के कारणों का रिपोर्ट में जिक्र किया है।