मध्य प्रदेश में उम्मीद और अनुकूल माहौल के बावजूद बुरी तरह चुनाव हारने के बाद कांग्रेस आला कमान हरकत में आयी है और प्रदेश नेतृत्व को लेकर बड़ा बदलाव किया है। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश का चुनाव कमलनाथ के चेहरे पर लड़ा था. कांग्रेस पार्टी ने अब कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से हटाते हुए जीतू पटवारी को राज्य की कमान सौंप दी है. शनिवार को एक प्रेस नोट में कांग्रेस ने जानकारी देते हुए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। प्रेस नोट में कहा गया कि पार्टी अबतक पीसीसी अध्यक्ष रहे कमल नाथ के योगदान की सराहना करती है। बदलाव के अंतर्गत उमंग सिंघार को कांग्रेस लैजिस्लेटिव पार्टी लीडर और हेमंत कटारे को डिप्टी लीडर बनाया गया है।
जीतू पटवारी राऊ सीट से मौजूदा विधायक और मध्य प्रदेश कांग्रेस अभियान समिति के सह-अध्यक्ष थे। उन्होंने राऊ से 2018 में दूसरी बार चुनाव जीता। जीतू पटवारी मध्य प्रदेश में कांग्रेस का युवा चेहरा माने जाते हैं और उनकी पहचान एक जुझारू नेता के रूप में होती है. बता दें कि बुरी तरह चुनाव हारने के बाद कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में कहा था कि वो राजनीति से रिटायर नहीं हो रहे हैं। लेकिन कांग्रेस आला कमान ने अब उनके बयान के बाद उन्हें ज़िम्मेदारी से हटाने का फैसला किया है. दिल्ली दरबार के इस फैसले पर अभी कमलनाथ की प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है.
बता दें कि मध्य प्रदेश के चुनाव में कमलनाथ की पूरी तरह चली, फिर चाहे उम्मीदवारों का चयन हो या फिर सपा-बसपा से गठबंधन ठुकराने की बात. पार्टी आला कमान ने उन्हें पूरी छूट दे रखी थी ताकि वो अपने मनमुताबिक चुनावी कैंपेन चला सकें। चुनाव प्रचार के दौरान कमलनाथ अपनी जीत के लिए अतिआत्मविश्वासी नज़र आ रहे थे, इस दौरान उनका अखिलेश वखिलेश छोड़िये वाला बयान बहुत विवादित और वायरल हुआ। उनके इस बयान ने अखिलेश यादव को बहुत नाराज़ कर दिया और उन्होंने मध्य प्रदेश में सपा उम्मीदवारों के लिए उस तरह प्रचार किया जैसा वो यूपी में करते है. माना जा रहा है कि सपा से गठबंधन न होने की मूल वजह कमलनाथ ही थे।