Sawan 2023: सावन के महीना बिजनेस पर भी आस्था हावी होती है। शिव भोले में व्यापारियों की भी बड़ी आस्था होती है। इसी कारण से होटल व्यापारी अपना मेन्यू भी बदल देते हैं। मेरठ और आसपास के जिलों के होटलों में नान वेज पूरे एक महीने प्रतिबंधित रहता है। यानी अधिकांश होटलों में नानवेज नहीं परोसा जाता है। मेरठ में सावन के महीने की अनोखी आस्था है। पूरे महीने होटल-रेस्तरां का मेन्यू बदला रहता है। एक माह तक सिर्फ शाकाहारी खाना ही लोग खाने के लिए होटल जाते हैं।
शिव का प्रिय सावन का महीना आ गया है। ऐसे में कांवड़ यात्रा भी पीक पर है। पूरा माहौल इस समय शिवमय हो जाता है। सावन माह में मेरठ जिले में होटल और रेस्तरां का मेन्यू बदल हुआ होता है। होटल और रेस्तरां मेन्यू में सावन माह में सात्विक भोजन ही होता है। हरिद्वार जाने वाले शिवभक्त और कांवड़ियों की बड़ी संख्या में भीड़ जिले से होकर गुजरती है।
मेरठ में इस समय पूरा शहर सावन के माह में पूजा पाठ के साथ सात्विक भोजन कर दिनचर्या पूरी करने में जुटा है। ऐसे में घरों में ही नहीं बल्कि होटल और रेस्तरां में मांसाहार का उपयोग नहीं किया जाता है। इतना ही नहीं होटल के मेन्यू से भी मांसाहार की डिश निकाल दी जाती है। ऐसे में होटल के मेन्यू पूरी तरह से बदले नजर आते हैं। यहां तक कि एक माह के लिए शहर के अधिकांश होटल और रेस्तरां में बनने वाली डिश में प्याज और लहसुन तक का उपयोग भी नहीं किया जाता है।
लहसुन और प्याज से परहेज करते शहरवासी
होटल संचालकों का कहना है कि सावन के महीने में लोग मांसाहार ही नहीं बल्कि लहसुन-प्याज भी खाने में परहेज करते हैं। ऐसे में एक महीने के लिए मेन्यू में सात्विक भोजन और डिश की संख्या बढ़ा दी जाती है। इसके अलावा पनीर हांडी, पनीर धनिया अदरकी, दाल मखनी, पनीर कोल्हापुरी, भूना पनीर मसाला, पनीर टिक्का, पनीर कढ़ाई, पनीर लबाबदार के अलावा मखमली कोफ्ता जैसी डिश इन दिनों प्याज और लहसुन के बिना तैयार की जाती हैं।
सावन में मांसाहार डिश बंद
सावन में एक माह के लिए होटल में मांसाहार डिश पूरी तरह से बंद कर दी जाती है। लोग ऐसी डिश खाने से परहेज करते हैं। इसके साथ मेन्यू में कुछ नए स्वादिष्ट डिश को शामिल किया जाता है। एक अन्य होटल के मालिक का कहना है कि सावन के महीने में लोग प्याज-लहसुन खाने से परहेज करते हैं। ऐसे में उनके लिए आलू, भिंडी के अलावा मिक्स वेज और कई किस्म की दाल की डिश को बिना प्याज और लहसुन के पकाते हैं। इससे लोगों को परेशानी न हो।
लोगों की पसंद का ध्यान रखते हुए कई सालों से सावन में मेन्यू में बदलाव कर दिया जाता है। सावन में मांसाहार न खाने वाले लोगों की संख्या अधिक होती है। हमें लोगों की पसंद का ध्यान है। ऐसे में सावन के महीने में होटल के मेन्यू से कई मांसाहारी डिश हटा देते हैं।