Agriculture Infrastructure Fund: केंद्र सरकार ने कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का दायरा बढ़ाने के बारे में सोचना शुरु किया है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो एग्रीकल्चर स्टार्टअप को कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से कर्ज़ मिलेगा। इसके अलावा सरकार किसानों और कोऑपरेटिव सोसाइटी को सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिए कर्ज देगी।
केंद्र सरकार एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का दायरा बढ़ाने की तैयारी में है। सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में 5 से 6 नए सेक्टरों को जोड़ने पर मंथन कर रही है। जोड़ने जाने नए सेक्टरों को सस्ती दरों पर कर्ज दिया जाएगा। अभी एक लाख करोड़ रुपए का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड है। इस फंड से सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए 6 प्रतिशत ब्याज दर पर सस्ता कर्ज देती है। खास यह है कि अभी फंड के मात्र 30 प्रतिशत हिस्से का उपयोग ही हो पा रहा है।
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार एग्रीकल्चर स्टार्टअप को कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से कर्ज़ देगी। केंद्र सरकार किसानों और कोऑपरेटिव सोसाइटी को सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिए प्रोत्साहन देगी और इसके लिए कर्ज भी दिया जाएगा। इसी के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं के लिए इसी फंड से कर्ज दिया जाएगा। माना जा रहा है कि पशुपालन से जुड़ी कई योजनाओं को कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से जोड़ा जाएगा। फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए भी एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से सस्ता कर्ज दिया जाएगा।
बिहार में चाय प्रोसेसिंग यूनिट की संख्या बढ़ेगी
सूत्रों की माने तो एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से किसानों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए कर्ज मिलने से किसानों को बहुत लाभ मिलेगा। खासकर इसका लाभ बिहार की जनता को अधिक होगा। बिहार में अभी फूड प्रोसेसिंग यूनिट की कमी है। ऐसे में किसानों को खाद्य पदार्थों की प्रोसेसिंग करने के लिए दूसरे राज्यों को भेजना होता है। इससे किसानों की कमाई उतनी नहीं हो पाती। खास कर बिहार में चाय की प्रोसेसिंग यूनिट की कमी बहुत है। किशनगंज की चाय को प्रोसेस करने के लिए पश्चिम बंगाल भेजना पड़ता है। अगर बिहार में चाय प्रोसेसिंग यूनिट की संख्या बढ़ जाएगी तो चाय उत्पादक किसानों को इसका काफी लाभ होगा।
ऐसे बढ़ेगी किसानों की कमाई
अगर सरकर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से पशुपालन योजनाओं को जोड़ती है। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड और आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों के किसानों को सीधा फायदा होगा। इन राज्यों में किसान पशुपालन अधिक करते हैं। ऐसे में यहां के किसान 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन लेकर पशुपालन से जुड़ी कई लुभावनी योजना की शुरूआत कर सकते हैं। ऐसे में किसानों की कमाई बढ़ जाएगी।