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FPI: विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी, अक्टूबर में इक्विटी से निकाले 12,000 करोड़

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FPI Inflow: विदेशी निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में लगातार शेयर बेचे जा रहे हैं। वहीं एफपीआई द्वारा डेट मार्केट में निवेश किया जा रहा है। अक्टूबर में अभी तक विदेशी निवेशकों ने 12000 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं। एफपीआई फाइनेंस बिजली एफएमसीजी और आईटी के शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं। FPI ने मार्च से अगस्त में लगातार भारतीय शेयर खरीदे हैं। एफपीआई ने 20 अक्टूबर 2023 तक 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की बिकवाली की।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली का दौर नहीं थमा है। अक्टूबर में उन्होंने भारतीय इक्विटी से 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। इसकी मुख्य वजह अमेरिकी बांड पैदावार में निरंतर वृद्धि और इजरायल-हमास संघर्ष है। हालाँकि, भारतीय डेट मार्केट में एफपीआई द्वारा निवेश किया जा रहा है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस समीक्षाधीन अवधि तक उन्होंने डेट मार्केट से 5,700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर – मैनेजर रिसर्च, हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा वैश्विक मुद्रास्फीति और ब्याज दर की गतिशीलता ने विदेशी निवेशकों को प्रभावित किया है। इसके अलावा इजरायल-हमास संघर्ष के विकास और तीव्रता का भी असर एफपीआई पर पड़ा है। भू-राजनीतिक तनाव जोखिम बढ़ जाता है। इससे भारत में उभरते बाजारों में विदेशी पूंजी प्रवाह को नुकसान पहुंचाता है।

क्या हैं डिपॉजिटरी के आंकड़े

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 20 अक्टूबर 2023 तक 12,146 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं, सितंबर माह में एफपीआई ने 14,767 करोड़ रुपये निकाले थे। पिछले छह महीनों में यानी मार्च से अगस्त तक एफपीआई लगातार भारतीय इक्विटी खरीद रहे थे। उन्होंने 1.74 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा FPI द्वारा निरंतर बिक्री की मुख्य वजह अमेरिकी बांड पैदावार में तेज वृद्धि थी। यह 19 अक्टूबर को 10 साल की उपज 17 साल के उच्चतम 5 प्रतिशत पर ले गई।

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