7th Pay Commission: लंबे समय से सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर यानी ‘महंगाई भत्ते व महंगाई राहत’ में चार फीसदी की बढ़ोतरी होती रही है। इस समय में केंद्रीय कर्मचारियों को 42 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। केंद्र सरकार में लगभग एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को राहत दी है। पहली जुलाई 2023 से महंगाई भत्ता ‘डीए’ और महंगाई राहत ‘डीआर’ में चार प्रतिशत की वृद्धि होना तय है। जी20 शिखर सम्मेलन के बाद होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसको मंजूरी मिलेगी। इस वृद्धि से केंद्रीय कर्मियों का ‘डीए’ 42 से 46 फीसदी पर पहुंच जाएगा। महंगाई की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर लगभग 120 दिन बाद केंद्रीय कर्मियों का डीए 50 फीसद होगा।
सातवें वित्त आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, अगर ऐसा होता है तो बाकी के भत्ते अपने आप 25 फीसद तक बढ़ेंगे। अब चार प्रतिशत डीए बढ़ाने का कारण जुलाई 2023 का अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) है। यह सूचकांक जुलाई के दौरान 3.3 अंक बढ़कर 139.7 अंकों के स्तर पर पहुंच गया है। जबकि जून, 2023 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू 1.7 अंक बढ़कर 136.4 पर था।
42 % की दर से मिल रहा DA
लंबे समय से सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर यानी ‘महंगाई भत्ते व महंगाई राहत’ में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी होती आ रही है।
जुलाई में सीपीआई की दर 7.44 फीसद रही है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2023 (अनंतिम) में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर महंगाई के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की दर 7.44 फीसद है। जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीपीआई दर 4.87 फीसद थी। जुलाई 2022 में संयुक्त दर 6.71 प्रतिशत थी। जुलाई 2023 (अनंतिम) में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) की संयुक्त दर 11.51 थी।
6.66 प्रतिशत सीएफपीआई मासिक बदलाव
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी के अनुसार, सूचकांक के तहत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर संयुक्त तौर पर जुलाई 2023 की सीपीआई दर 186.3 प्रतिशत है। जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीपीआई दर 181.0 फीसद थी। जुलाई 2022 में संयुक्त दर 173.4 प्रतिशत थी। जुलाई 2023 में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) की संयुक्त दर 193.8 थी।
खाद्य एवं पेय पदार्थ समूह का योगदान
सूचकांक में दर्ज वृद्धि में अधिकतम योगदान खाद्य एवं पेय पदार्थ ग्रुपों का रहा है। इसने कुल बदलाव को 2.86 बिंदु प्रतिशत से प्रभावित किया है। विभिन्न मदों में अरहर, चावल, दाल/तूर दाल, आम, सेब, लहसुन, बैंगन, लौकी, अदरक, आलू, हरी मिर्च, टमाटर, प्याज, सुपारी साड़ी सूती, जीरा, शर्ट/टी शर्ट तैयार, चमड़े के सेंडल, स्कूल वर्दी, कैन्वस जूते,चप्पल, आटो रिक्शा किराया, मकान किराया, रिपेयर/सर्विस प्रभार, बर्तन, और एलोपेथिक दवा आदि सूचकांक को बढ़ाने में सहायक रहे। इसके विपरित मुख्यत: बिजली (घरेलू प्रभार) और मिट्टी का तेल आदि ने सूचकांक में दर्ज वृद्धि को नियंत्रित किया है।
Pay revise दस Years में हो, यह जरुरी नहीं
केंद्र सरकार के कर्मियों को 42 प्रतिशत की दर से ‘डीए’ मिल रहा है। मौजूदा समय में महंगाई की दर को देखते हुए इसमें चार प्रतिशत की वृद्धि संभव है। जनवरी 2024 में चार फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है। केंद्र सरकार इस संदर्भ में विचार नहीं कर रही। ये सरकार की मनमर्जी ही है। सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि केंद्र में पे रिवाइज हर दस साल में हो, यह जरुरी नहीं है। इस अवधि का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। यह पीरियोडिकल हो सकता है।