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राजगद्दी के लिए चुनाव आयोग की मर्यादा भूले रील के राम, तोड़ दिए नियम

उत्तर प्रदेशराजगद्दी के लिए चुनाव आयोग की मर्यादा भूले रील के राम, तोड़...

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पारुल सिंघल

रील के राम यानी मेरठ से भाजपा के प्रत्याशी अरुण गोविल ने राज गद्दी पाने के लिए कानून तक को ताक पर रख दिया है। सत्ता के लिए उन्होंने जनप्रतिनिधी अधिनियम की खुलकर धज्जियां उड़ाई हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का किरदार रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण में निभाने वाले अरुण गोविल खुद को राम बता लोगों से वोट मांग रहे हैं। यही नहीं उनका चुनाव प्रसार भी पूरी तरह राम मय रहा है। हालांकि एक्स हैंडल पर उन्हें इसके लिए लगातार ट्रोल भी किया जा रहा है। चुनाव आयोग में शिकायतें भी दर्ज करवाई गई हैं। बीते 10 अप्रैल को मेरठ के डीएम ने इस संबंध में एक नोटिस भी उन्हें जारी किया था जिसका जिक्र खुद उन्होंने ट्विटर हैंडल पर हुई एक शिकायत पर किया है।

ये कहता है अधिनियम

चुनाव में धर्म के आधार पर वोट मांगना भ्रष्ट आचरण के तहत आता है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (3) के तहत धर्म के आधार पर या धार्मिक प्रतीकों के आधार पर वोट मांगना भ्रष्ट आचरण बताया गया है। यह धारा बताती है कि भारत देश में धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय, भाषा या धार्मिक प्रतीकों के आधार पर वोट नहीं मांगे जा सकते हैं। यदि कोई भी प्रत्याशी इस आधार पर अपने चुनाव प्रसार में वोट मांगने की अपील कर रहा है या वोट मांग रहा है और यह साबित हो जाता है तब इस अधिनियम की धारा 100 के तहत उस प्रत्याशी की उम्मीदवारी और चुनावी योग्यता रद्द कर दी जाती है। चुनाव आयोग को यह अधिकार है कि वह ऐसे किसी भी प्रत्याशी की योग्यता को रद्द कर दे।

मेरठ के लोगों को चेतावनी दे रहे नकली राम
अपने चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान धार्मिक प्रतीकों का अरुण गोविल ने खूब प्रयोग किया है। यही नहीं उन्होंने मेरठ के लोगों को राम नाम की चेतावनी तक दे डाली है। उनका यह वीडियो सोशल प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर काफी वायरल भी हुआ है। जिसमें वह लोगों से कह रहे हैं कि राम को राम के घर से खड़ा किया गया है। ये सवाल पूछा जाएगा कि वहां से आपको कितने वोट मिले, कितने मार्जिन से जीते और कितनी रिकॉर्ड जीत हासिल हुई। यदि हार मिली तो जवाब आप सबको देना होगा। यह पूछा जाएगा कि क्या हमारी श्री राम में आस्था में कोई कमी थी।

पोस्टर पर भी राम
अरुण गोविल की जनसंपर्क यात्राओं के दौरान लगे पोस्टर में वह खुद श्री राम की वेशभूषा में दिखाई दे रहे हैं। यही नहीं बीते दिनों रामायण में सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका और लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने भी मेरठ के लोगों के बीच में अरुण गोविल को राम बताते हुए उन्हें वोट देने की अपील की थी। दीपिका ने मेरठ की जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि भगवान राम खुद देश की सेवा के लिए आए हैं और हम उनका साथ से रहे हैं।

राम के भरोसे राम, मुद्दों का नहीं ज्ञान
रील के राम यानी अरुण गोविल प्रभु श्री राम के नाम पर राजनीति में उतरे हैं। उन्हीं के नाम को भुनाकर राजगद्दी पाने की कामना भी कर रहे हैं। राम की राजनीति कर रहे अरुण गोविल को लेकिन मेरठ के मुद्दों का जरा भी भान नहीं है। मीडिया को दिए गए उनके कई इंटरव्यू सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल हुए हैं। जिसमें वह खुद स्वीकार कर रहे हैं कि वह यहां मुद्दों की नहीं बल्कि, राम की राजनीति करने आए हैं। यहां के मुद्दों का उन्हें कोई ज्ञान नहीं है। यदि वह यहां से जीत जाते हैं उसके बाद ही यहां के मुद्दों को जानने समझने का प्रयास करेंगे।

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