Manipur Violence मणिपुर में हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। इंफाल में उपद्रवियों ने सुरक्षा बलों के ठिकानों से हथियार कब्जा करने की कोशिश की है। करीब 100 से अधिक लोगों ने इंफाल में 7वीं बटालियन मणिपुर राइफल्स के आफिस पर धावा बोल दिया।
मणिपुर में हालात और खराब हो गए हैं। हिंसा वाले राज्य मणिपुर में उपद्रवी बैखोफ हैं। वह हथियार और गोला-बारूद लेने के लिए सेना ठिकानों को निशाना बना रहे हैं।
भड़की हिंसा, सामने आया सच
सूत्रों के मुताबिक, 27 और 28 मई की रात को हिंसा भड़कने के बाद उपद्रवी पूरी तरह से सक्रिय हैं। उपद्रवी लोग इंफाल में सुरक्षा प्रतिष्ठानों को कब्जाने की कोशिश में हैं। पूरा मणिपुर अब सेना के हवाले कर दिया गया है। पोरोमपत पुलिस थाने में भी उपद्रवी लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया। जिनको काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
इतना ही नहीं, हिंसा के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने कई जगहों से हथियार बरामद किए हैं। इंफाल वेस्ट के इंगोरोक चिंगमंग में गोलीबारी शुरू हुई जो कि देर शाम तक जारी रही।
पुलिस ने 22 उपद्रवी लोगों को दबोचा
सेना के अधिकारियों की माने तो कई हथियारबंद उपद्रवी लोग इंफाल पूर्वी जिले के सनसाबी, ग्वालताबी और शाबुनखोल में मौजूद हैं। इन लोगों ने घरों को जलाया है। पुलिस और सेना ने ऑपरेशन चलाकर 22 लोगों को दबोचा है। अधिकारियों ने बताया कि कई जगहों से घातक हथियार बरामद किए गए हैं। इन उपद्रवी लोग से अधिकतर सेना के हथियार बरामद हुए हैं। कोहिमा और इम्फाल के रक्षा सूत्रों के अनुसार, उपद्रवी लोग से पांच बारह बोर डबल बैरल राइफलें, तीन सिंगल बैरल राइफलें। डबल बोर के साथ एक देश में हथियार और एक लोडेड राइफल बरामद हुई।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बताया था कि 40 कूकी आतंकवादी, लोगों को अपना निशाना बना रहे थे। सुरक्षा बलों द्वारा अब तक मारे जा चुके हैं। सीएम के बयान के एक दिन बाद आई रिपोर्ट से साफ है कि राज्य में हिंसा बढ़ती है। इस बीच, मणिपुर सरकार ने आदेश जारी किया है कि अगर कोई गलत जानकारी और अफवाहें फैलाएगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।