प्रयागराज। राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उनके गनर की हत्या की वारदात जिस तरीके से अंजाम दी गई, उससे साफ है कि इसके लिए फुलप्रूफ प्लानिंग की थी। यह भी कहा जा रहा है कि जिस तरह से उमेश के कार से घर के बाहर पहुंचने पर वारदात की गई, उससे आशंका जताई जा रही है कि हत्यारे कचहरी से उनके पीछे लगे थे। पुलिस ने अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटों को हिरासत में ले लिया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
हत्याकांड के पीछे फुलप्रूफ प्लानिंग
हत्याकांड के पीछे फुलप्रूफ प्लानिंग की बात कही जा रही है तो इसकी अपनी वजहें भी हैं। पहली वजह यह है कि उमेश के गाड़ी से उतरते ही हत्यारों ने उन पर हमला बोल दिया। यानी उन्हें यह पता था कि उमेश घर कब आने वाले हैं और इसके लिए वह पहले से ही तैयार थे। यही वजह थी कि उन्हें संभलने का भी मौका नहींं मिला। दूसरी वजह यह है कि हत्यारों को यह पता था कि गाड़ी से उतरते वक्त सुरक्षाकर्मियों को भी पोजीशन लेने में कुछ वक्त जरूर लगेगा और हुआ भी ठीक ऐसा ही।
पोजीशन लेने से पहले गनर को बनाया निशाना
जब तक उमेश के गनर पोजीशन ले पाते, हमलावर उन्हें भी निशाना बना चुके थे। तीसरी वजह यह है कि बदमाश पिस्टल ही नहीं बल्कि बमों का जखीरा लेकर भी पहुंचे थे। यानी उनकी प्लानिंग यह भी थी कि फायरिंग में किसी तरह उमेश बच भी गए तो कम से बम के हमले से वह ना बच सकें। यही वजह है कि अन्य बदमाशों के ताबड़तोड़ फायरिंग करने के साथ ही एक बदमाश लगातार बम चलाता रहा।
आधे घंटे पहले निकले थे कोर्ट से
बताया जा रहा है कि वारदात से करीब आधे घंटे पहले ही उमेश कोर्ट से निकले थे। वहां से सीधे वह निकलकर घर ही पहुंचे थे। ऐसे में इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि हत्या से पहले न सिर्फ उनकी रेकी हुई बल्कि घटना के दौरान एक -एक पल की लोकेशन भी शूटरों को दी जा रही थी। यानी कोई ऐसा जरूर था तो कचहरी से ही उमेश पर लगातार नजर बनाए रखे हुए था।