मेरठ। निकाय चुनाव 2017 में भाजपा और बसपा में कड़ी टक्कर रही थी। 2017 के निकाय चुनाव में सपा एक भी महापौर सीट नहीं जीत सकी थी। भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले मेरठ में बसपा ने कड़ी टक्कर देते हुए महापौर सीट जीती थी। मेरठ से 2017 में बसपा की सुनीता वर्मा ने भाजपा की कांता कर्दम को बुरी तरह से हराया था। जबकि मेरठ में भाजपा के सांसद और विधायकों की फौज थी।
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। यूपी में दो चरण में निकाय चुनाव होंगे। पहले चरण में 4 मई को और दूसरे चरण में 11 मई को वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 13 मई को मतगणना होगी और नतीजों का ऐलान होगा।
2017 के निकाय चुनाव में भाजपा का दबदबा
यूपी में इस बार निकाय चुनाव 2023 में 17 नगर निगमों, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायत की सीटों पर चुनाव होगा। 2017 में 16 नगर निगमों पर चुनाव हुआ था। इस बार शाहजहांपुर नया नगर निगम बना है। 2017 के चुनाव में भाजपा का दबदबा रहा था। 16 में से 14 नगर निगमों पर भाजपा का मेयर बना था। लखनऊ से भाजपा की संयुक्ता भाटिया, गोरखपुर से भाजपा के सीताराम जायसवाल, गाजियाबाद से भाजपा की आशा शर्मा , वाराणसी से भाजपा की मृदुला जायसवाल, सहारनपुर से बीजेपी की संजीव वालिया, फिरोजाबाद से बीजेपी की नूतन राठौर जीते थे।
आगरा से बीजेपी के नवीन जैन, झांसी से रामतीर्थ सिघंल, इलाहाबाद से अभिलाषा गुप्ता, अयोध्या से ऋषिकेश उपाध्याय, मथुरा से मुकेश आर्य, बरेली से उमेश गौतम, कानपुर से प्रमिला पांडे और मुरादाबाद से भाजपा के विनोद अग्रवाल मेयर बने थे।
बसपा को मिली थी 2 सीट
2017 में हुए निकाय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने 2 सीट जीती थीं। अलीगढ़ से बसपा के मोहम्मद फुरकान और मेरठ से बसपा की सुनीता वर्मा मेयर चुनी गई थीं। कांग्रेस-सपा और दूसरे किसी दल का मेयर पद पर खाता नहीं खुला था।