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उमेश पाल का अपहरण से लेकर मर्डर तक करवाया, लेकिन सजा से नहीं बच सका माफिया अतीक

उत्तर प्रदेशउमेश पाल का अपहरण से लेकर मर्डर तक करवाया, लेकिन सजा...

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प्रयागराज। उमेश पाल अपहरण केस में प्रयागराज की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद समेत 3 को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को दोषी पाया है। जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया है। इस केस में कुल 11 आरोपी थे। इनमें से एक आरोपी अंसर बाबा की मौत हो चुकी है। अतीक अहमद सहित तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

2006 को अतीक अहमद ने अपहरण करवाया

उमेश ने उस समय आरोप लगाया था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद ने उसका अपहरण करवाया। उसके साथ मारपीट और जान से मारने की धमकी दी। क्योंकि वह राजू पाल हत्याकांड का एकमात्र गवाह था। जानिउ आखिर क्या हुआ था उमेश के अपहरण के दिन
उमेश ने बताया था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद की लैंड क्रूजर कार समेत एक अन्य वाहन ने उसे घेर लिया।

कार से दिनेश पासी, अंसार बाबा और अन्य युवक उतरा। उस पर पिस्तौल तान दी और कार में खींच लिया। इस कार के अंदर अतीक अहमद और तीन अन्य लोग राइफल लेकर बैठे थे। इन लोगों ने उससे मारपीट की और चकिया स्थित अपने दफ्तर लेकर पहुंचे। वहां एक विरोधियों के लिए बनाए गए टॉर्चर रूम में बंद कर दिया गया और मारपीट की गई। साथ ही करंट के झटके लगाए गए।

बयान बदलने की लिए दी थी धमकी

उमेश ने बताया था कि आरोपियों ने मुझे धमकी दी थी कि राजू पाल हत्याकांड में बयान बदल लो। नहीं तो परिवार सहित मार दिए जाओगे। इसके बाद अतीक ने अपने वकील से लेकर पर्चा लेकर मुझे दिया और कहा कि इसको पढ़ लो। कल अदालत में यही बयान देना है।

दरअसल, राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनने के बाद उमेश पाल के ऊपर खतरा मंडराने लगा था। अतीक ने कई लोगों से कहलवाया कि वह केस से हट जाए नहीं तो उसे दुनिया से हटा दिया जाएगा। उमेश नहीं माने तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया। उसे करबला स्थित कार्यालय में ले जाकर अतीक ने रात भर पीटा था। उससे हलफनामा पर दस्तखत भी करवा लिए थे।

24 फरवरी को उमेश की हत्या

अगले दिन उमेश ने अतीक के पक्ष में अदालत में गवाही भी दे दी। हालांकि, वह समय बदलने का इंतजार कर रहे थे। जब 2007 में बसपा सरकार बनी तो उमेश ने अपने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। इसी मुकदमे में पैरवी कर 24 फरवरी को उमेश घर लौट रहे थे, तभी उनकी हत्या कर दी गई।

25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या हुई

25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में अतीक अहमदए उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। जबकिए चार अज्ञात थे। इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था।

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