रामचरित मानस विवाद से इन दिनों निशाना बने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या की सांसद बेटी ने अब इस विवाद को ख़त्म होने की अपील की है. बदायू से भाजपा सांसद संघमित्रा गौतम ने अपने पिता के बचाव में कहा था कि इस मामले में राजनीति की जगह पर चर्चा कराई जनि चाहिए जिसपर भाजपा के एक सांसद ने उन्हें इस्लाम में चले जाने की सलाह दी थी.
रामचरित मानस विवाद से किया किनारा
सघमित्र गौतम अब इस विवाद से किनारा करने की कोशिश कर रही हैं, उन्होंने सामने आकर कहा कि उनका इस विवाद से कोई लेना देना नहीं और अगले लोकसभा चुनाव में वो भाजपा के टिकट से ही चुनाव लड़ेंगी। संघमित्रा ने पिछले चुनाव में अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को चुनाव में हराया था. संघमित्रा अब इस विवाद से दूर हटकर चुनावी तैयारियों में जुटना चाहती हैं, चूँकि स्वामी प्रसाद उनके पिता हैं इसलिए चाहकर भी वो इस विवाद से छुटकारा नहीं पा रही हैं. मीडिया उन्हें सवालों के घेरे में फंसा ही लेती है.
पार्टी छोड़ने की अटकलों पर लगाया विराम
इस विवाद के चर्चा में आने के बाद यह बात भी बड़े जोरों से फैली थी कि संघमित्रा गौतम अपने पिता के लिए भाजपा का साथ छोड़ सकती हैं लेकिन अब उन्होंने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है. संघमित्रा के मुताबिक वो लगातार बदायूं में सक्रिय हैं और लोकसभा चुनाव की तैयारियां कर रही हैं. उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया कि वो भाजपा के टिकट से ही आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भाजपा सरकार में मंत्री थे लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव से पहले वो सपा में शामिल हो गए थे. अब रामचरित मानस की प्रतियों को जलाने और उसपर पाबन्दी लगाने की बात कहकर वो भाजपा और हिन्दू संगठनों के निशाने पर आ गए हैं.