रामचरित मानस विवाद में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का हिन्दू संगठनों द्वारा लगातार विरोध जारी है. आज वाराणसी में उनकी गाड़ी पर स्याही और काले कपड़े फेंके गए. यह घटना तब हुई जब वो वाराणसी से सोनभद्र जा रहे थे. मौके पर मौजूद पुलिस वालों विरोध कर रहे लोगों को स्वामी प्रसाद मौर्या की गाड़ी के करीब जाने से उन्हें रोका, ये विरोध प्रदर्शन वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र के टेंगरा मोड़ हुआ.
बयान पर कायम मौर्या
दरअसल सपा MLC स्वामी प्रसाद मौर्य आज दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पर गए हुए थे। बता दें कि वाराणसी में भी स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर अड़े रहे, उन्होने कहा कि मैं रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों का विरोध करता हूं और करता रहूंगा। मौर्या ने कहा कि मैंने पूरी रामचरित मानस का कभी विरोध नहीं किया। उन्होने कहा कि मैं हिन्दू हूं और मेरे सभी प्रमाणपत्रो में भी हिन्दू ही लिखा है। मौर्या ने कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि भगवान बुद्ध का बौद्ध धर्म पहले आया, उसके बाद ईसाई धर्म उसके बाद इस्लाम धर्म आया, इसके बाद ही तमाम धर्म और पंथ पैदा हुए।
महमूद मदनी के बयान का किया समर्थन
स्वामी प्रसाद ने मौलाना महमूद मदनी के उस बयान का पूरा समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत जितना भागवत और मोदी का है उतना ही महमूद मदनी का भी है.सपा नेता ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आज गरीब, नौजवान, किसान की महंगाई से कमर टूट गई। लघु, मध्यम वर्ग के व्यापारी से पैसा वसूली हो रही है। लखनऊ का नाम बदलने की मांग पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लखनऊ हमारे देश की संस्कृति की पहचान है। बता दें कि इससे पहले भी सपा नेता ने सवाल किया था कि लखनऊ का लक्ष्मण से क्या रिश्ता है?