इस हार को मैं क्या नाम दूँ? 136 पर बांग्लादेश के 9 विकेट गिर चुके थे लेकिन बांग्लादेश के मेहदी हसन मिराज ने मुस्ताफ़िज़ुर रेहमान के साथ जो पारी खेली है उससे टीम इंडिया की गेंदबाज़ी की कलई खुलकर सामने आ गयी. हालाँकि यही वो गेंदबाज़ भी हैं जिन्होंने 188 के छोटे से लक्ष्य की रक्षा करते हुए मैच को लगभग भारत की झोली में डाल दिया था लेकिन इसके बाद ऐसा क्या हुआ? क्या इसके लिए ज़िम्मेदार विकेट कीपर के एल राहुल हैं जिन्होंने हाथों में दस्ताने होते हुए भी आसान सा कैच को टपका दिया या फिर वाशिंगटन सूंदर जिन्होंने कैच करने की कोशिश ही नहीं की और गेंद को अपने सामने गिरते हुए देखते रहे और कप्तान रोहित अपना सर पकड़ते रहे. एक समय जो मैच टीम इंडिया आसानी से जीत रही थी वो मैच हार गयी.
साकिब, इबादत के सामने भारतीय बल्लेबाज़ी नतमस्तक
टीम इंडिया के बल्लेबाज़ों ने काफी निराश किया और साकिब और इबादत के सामने नतमस्तक हो गए. सिर्फ के एल राहुल ही एकमात्र बल्लेबाज़ ऐसे रहे जिन्होंने अच्छी बल्लेबाज़ी की और 73 रन बनाये। कप्तान रोहित शर्मा की नाकामी का दौर जारी है, मैच में सिर्फ 27 रन बनाकर आउट हो गए, शिखर धवन दहाई में भी नहीं पहुंचे, कोहली भी 24 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. साकिब ने अपनी स्पिन गेंदबाज़ी से भारत के टॉप आर्डर को तहस नहस कर दिया। साकिब ने रोहित और विराट जैसे कीमती विकेट निकाले। साकिब ने पांच विकेट आउट किये। वहीँ मीडियम पेसर इबादत हुसैन ने चार विकेट निकालकर साकिब का बखूबी साथ दिया।
के एल राहुल बने विलेन
अगर अंतिम विकेट की साझेदारी और मिराज की मैच जिताऊ पारी को निकाल दें तो बांग्लादेश के दूसरे बल्लेबाज़ों ने छोटे लक्ष्य के बावजूद अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की हाँ कप्तान लिटन दास ने ज़रूर 41 रनों की एक अच्छी पारी खेली। साकिब 29, मुश्फिक 18 और महमूदुल्लाह 14 सेट होने के बाद आउट हो गए लेकिन मेहदी हसन उनके तारणहार बन गए. भारतीय गेंदबाज़ो के विश्लेषण को देखा जाय तो मोहम्मद सिराज, दीपक चाहर, शार्दुल ठाकुर, वाशिंगटन सूंदर ने बहुत प्रभावित किया, सिराज ने जहाँ तीन विकेट निकाले वहीँ सूंदर ने दो विकेट चटकाए। नए चेहरे कुलदीप सेन को भी दो विकेट मिले मगर वो काफी मंहगे साबित हुए. यहाँ पर रोहित की कप्तानी भी सवालों के घेरे में रही. भारत के हार की अगर एक वजह बताई जाय तो उसे राहुल के हाथों मिराज का आसान सा कैच टपकना ही कहा जायेगा।