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PM Modi US Visit: WTO में चल रहे मामलों में मोदी-बाइडन के बीच होगी द्विपक्षीय वार्ता!

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PM Modi US Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी आज से चार दिन की अमेरिका की राजकीय यात्रा रवाना हो गए हैं। पीएम मोदी कल 21 जून से 23 जून तक अमेरिका के राजकीय दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से दोनों देशों के व्यापार को काफी उम्मीद है। इस बार पीएम के दौरे से भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद सुलझने के आसार हैं। माना जा रहा है कि मोदी—बाइडन व्यापार विवाद को सुलझा सकते हैं।

भारत और अमेरिका के बीच विश्व व्यापार संगठन (WTO) में 7 मुददे विवादित हैं। दोनों देशों के बीच अगर विवादित मुद्दे सुलझाए गए तो इससे भारत अमेरिका के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों की नई मिसाल पेश होगी। अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन के आमंत्रण पर पीएम मोदी 21 से 23 जून तक अमेरिका की यात्रा करेंगे।

सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी और अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन द्विपक्षीय व्यापार से जुड़े विषयों पर चर्चाएं करेंगे। दोनों के बीच WTO में विवादित मामलों का आपसी रजामंदी से समाधान करने पर बातचीत होगी। आपसी रजामंदी तब होती है, जब दो देश एक दूसरे के खिलाफ मामले खुद वापस ले लेते हैं।

इस सिलसिले में बात काफी आगे बढ़ चुकी है। दोनों देश गंभीरता से इस पर चर्चा कर रहे हैं। पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे में विवादित मसलों पर सकारात्मक घोषणा हो सकती है।’ सूत्र ने कहा कि भारत और USA के बीच WTO में 7 मामले चल रहे हैं।
इस साल दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश से जुड़ी प्रमुख परेशानियों को दूर करने का फैसला किया था। जिसमें डब्ल्यूटीओ में अटके विवादों का द्विपक्षीय समाधान तलाशना शामिल है।

दोनों पक्षों को कुछ नुकसान तो कुछ फायदे भी होंगे

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इससे पहले कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच विवाद उन क्षेत्रों में हैं, जहां दोनों पक्षों को कुछ नुकसान और कुछ फायदे हैं। हमने अधिकारियों को गंभीरता के साथ काम करने को कहा। उन्होेंंने कहा था कि अगले दो-तीन महीनों में दोनों देश डब्ल्यूटीओ के विवाद द्विपक्षीय तरीके से निपटाने की कोशिश करेंगे।’

एक व्यापारिक विवाद में भारत 2019 में अमेरिका से केस हार गया था। इस विवाद में WTO ने अपने आदेश में कहा था कि भारत में निर्यात को बढ़ावा देने वाली कुछ योजनाएं जिसमें मर्केंडाइज एक्सपोर्टस फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS), EPCG, EOU, SEZ और DFIS में WTO के नियमों का पालन नहीं किया गया हैं।

इसके बाद भारत ने MEIS योजना को बंद किया था और इसकी जगह उसने निर्यातकों को केवल सब्सिडी नहीं समर्थन देने के लिए नई योजना शुरू की थी। जबकि अन्य योजनाएं अभी तक चल रही हैं। भारत ने WTO के आदेश को चुनौती दे दी है। एक अन्य विवाद में अमेरिका ने भारत के इस्पात और एल्युमीनियम पर 2018 में अतिरिक्त आयात शुल्क लगाया था। इस पर भी दोनों के बीच डब्ल्यूटीओ में विवाद है। इन विवादों का समाधान हुआ तो यह भारत-अमेरिका संबंधों में बड़ी उपलब्धि होगी।

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