मानहानि के मामले में सूरत कोर्ट द्वारा राहुल गाँधी को दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद जिस तेज़ रफ्तारी से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कांग्रेस नेता को अयोग्य ठहराने का फैसला लेते हुए उनकी संसद सदस्यता को रद्द किया और जिस तेज़ी के साथ राहुल गाँधी को घर खाली करने को भी कहा गया उसने विपक्ष को पूरी तरह लामबंद कर दिया है और अगर सत्ता पक्ष ने संसद चलने दी तो विपक्ष लोकसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकता है.
3 अप्रैल को लाया जा सकता है प्रस्ताव
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार विपक्षी पार्टियां स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही हैं और संभवतः 3 अप्रैल को ऐसा हो सकता है लेकिन अविश्वास प्रस्ताव तभी लाया जा सकता है जब संसद चले और बीते 10 दिनों से संसद नहीं चल पा रही है और सबसे ख़ास बात ये हैं सत्ता पक्ष ही सदन की कार्रवाई नहीं चलने दे रहा है ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि स्पीकर ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कैसे लाया जाय. जहाँ तक संख्या बल की बात है तो अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विपक्ष के पास पर्याप्त संख्या बल है.
50 सांसदों के समर्थन की ज़रुरत
बता दें कि स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 50 सांसदों का समर्थन होना ज़रूरी है लेकिन समस्या सदन के मौजूदा हालातों को लेकर है, जब सदन की कार्रवाई ही चलेगी तो किसी अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस कैसे दिया जायेगा और कैसे उसपर बहस होगी। किसी अविश्वास प्रस्ताव को लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस देना ज़रूरी होती है. प्रस्ताव पर बहस के बाद मतदान में बहुमत के आधार पर स्पीकर को हटाया जा सकता है. नियमों के हिसाब से अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद स्पीकर सदन का सञ्चालन नहीं कर सकता।