Air Pollution: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक’ श्रेणी में है। दिल्ली के आया नगर में एक्यूआई 460, द्वारका में एक्यूआई 480, जहांगीरपुरी में एक्यूआई 485 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी3) में एक्यूआई 490 दर्ज किया गया है। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण बुरा हाल है। चारों तरफ स्मॉग छाया हुआ है। जिसके कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, अभी इस प्रदूषण से निजात मिलने वाली नहीं है।
मौसमी बदलाव से स्मॉग का दौर
हवा के रुख व रफ्तार और तापमान के मिले-जुले असर से स्मॉग इस बार जल्दी आ गया है। 1970 से 1993-94 तक नवंबर मध्य में दिखने वाली स्मॉग की चादर 1995 के बाद से अक्तूबर से दिखने लगी है। अब नवंबर शुरू होते ही हालात गंभीर हो गए हैं। स्मॉग की मोटी चादर के कारण कई लोगों को सांस से संबंधित व स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली और एनसीआर हवा की खलनायक भौगोलिक स्थिति
दिल्ली चारों तरफ से समतल जमीन से घिरी है। हवाओं के मामले में स्थिति कीप जैसी है। पड़ोसी राज्यों की मौसमी हलचल असर दिल्ली-एनसीआर पर पड़ता है। चारों तरफ से आने वाली हवाएं कीप सरीखे दिल्ली-एनसीआर में फंसती हैं। नतीजा गंभीर स्तर के प्रदूषण के दौर शुरू होते हैं।
मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स में भी गिरावट
सर्दी में मिक्सिंग हाइट (जमीन की सतह से वह ऊंचाई, जहां तक आबोहवा का विस्तार होता है) कम हो जाती है। गर्मियों के औसत चार किमी के विपरीत सर्दियों में यह एक किमी से कम रह जाती है। जबकि वेंटिलेशन इंडेक्स(मिक्सिंग हाइट और हवा की चाल का अनुपात) संकरा होता जाता है। इससे प्रदूषक ऊंचाई के साथ क्षैतिज दिशा में दूर तक नहीं फैल पाता है। पूरा इलाका ऐसे होता है, जैसे कंबल से ढंक दिया गया। शनिवार को हवा की मिक्सिंग हाइट 3000 मीटर रही थी। जबकि वेंटिलेशन इंडेक्स 9000 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड था।