नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने एक फैसले में बिहार में जाति आधारित जनगणना कराने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करने से साफ मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को संबंधित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने और कानून के अनुसार उचित कदम उठाने को कहा है।
जातीय जनगणना के खिलाफ डाली थी याचिका
बता दें बिहार निवासी युवक अखिलेश कुमार ने बिहार सरकार के जातीय जनगणना कराने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। दाखिल याचिका में कहा गया था कि जातीय जनगणना का नोटिफिकेशन मूल भावना के खिलाफ है। यह संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन भी है। याचिका में जातीय जनगणना की अधिसूचना को खारिज करने की मांग की थी।
हिंदू सेना ने की थी रोक की मांग
अखिलेश कुमार के अलावा हिंदू सेना नाम के एक संगठन ने जातीय जनगणना की अधिसूचना पर रोक की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। दाखिल याचिका में आरोप लगाया था कि जातिगत जनगणना के माध्यम से बिहार सरकार देश की एकता और अखंडता को तोड़ने का प्रयास कर रही है। उल्लेखनीय है कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बीती 6 जून को जातीय जनगणना की अधिसूचना जारी की थी।