जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ‘ओम’ और ‘अल्लाह’ एक ही हैं वाले बयान पर हंगामा जारी है. अरशद मदनी के बयान पर एक बड़ा सवाल करते हए श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अगर ये सही है तो फिर ये हिन्दुओं को काफिर क्यों कहते हैं. वहीँ हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने सवाल किया कि अगर इस्लाम और ॐ का अर्थ एक होता तो ॐ को मानने वालों का यह लोग सिर कलम क्यों करते?
इस्लाम तो सिर्फ 1400 साल पुराना
मौलाना अरशद मदनी के बयान पर श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि इस्लाम तो सिर्फ 1400 वर्ष पुराना है जबकि हमारे प्रभु श्रीराम ही 9 लाख वर्ष पूर्व पैदा हुए. वहीं हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने मौलाना अरशद मदनी को तलवार की नोंक पर सलवार पहनने वाले लोग बताते हुए कहा कि यह एक कौम, एक मजहब, एक संप्रदाय की बात करते हैं और हमको काफिर भी कहते हैं. उन्होंने कहा कि मौलाना मदनी अपनी रोज़ी रोटी चलाने के लिए इस तरह की बाते कर रहे हैं, मैं बता रहा हूँ कि उन्हें भी एक दिन घर वापसी करनी पड़ेगी.
‘सद्भावना सम्मेलन’ को जहरीले समूह का जमावड़ा
वहीँ विश्व हिंदू परिषद ने भी अरशद मदनी के इस दावे पर निशाना साधा है. विहिप ने कहा कि इस टिप्पणी से मौलाना मदनी की वास्तविक मानसिकता उजागर हुई है. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने जमीअत उलमा के इस ‘सद्भावना सम्मेलन’ को जहरीले समूह का जमावड़ा बताते हुए आरोप लगाया कि जिस तरह से अरशद मदनी ने संतों की उपस्थिति में इस्लाम के प्रभुत्व का दावा करने की कोशिश की, इससे उनका असली चरित्र उजागर हुआ है. विनोद बंसल ने कहा कि जमीयत की इस मानसिकता को अब इस देश से भगाना होगा. बता दें कि आपसी सौहार्द बढ़ाने के लिए दिल्ली में जमीअत उलमा ने एक सम्मलेन का आयोजन किया था जिसमें मौलाना अरशद मदनी द्वारा की गई विवादित टिप्पणी पर जैन मुनि और कुछ अन्य धर्मगुरुओं विरोध जताकर मंच को छोड़ दिया था.