मौलाना अरशद मदनी के ॐ और अल्लाह वाले बयान को लेकर बढ़ते विवाद के बीच जमीअत उल्माए हिन्द के अध्यक्ष और मौलाना अरशद मदनी के भतीजे मौलाना महमूद मदनी ने माफ़ी मांगी है. उन्होंने कहा कि अगर किसी को भी मौलाना अरशद की बातों से ठेस पहुंची हो तो वो 100 बार माफ़ी मांगते हैं. वहीँ अरशद मदनी के बयान पर ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उन्हें चैलेन्ज दिया है कि अगर अल्लाह और ॐ एक हैं तो फिर वो सोने के वर्क से काबे पर ॐ लिखवाये। यहीं नहीं उन्हें भारत की सभी मस्जिदों पर ॐ लिखवाना चाहिए। हर उस जगह पर ॐ लिखवाना चाहिए जहाँ अल्लाह लिखा हुआ है.
सपा सांसद ने भी बयान को बताया गलत
मौलाना अरशद मदनी के इस बयान को सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी गलत बताया है, बर्क ने कहा कि इस तरह के बयानों से दोनों धर्मों के बीच विवाद पैदा होगा। बर्क ने कहा ॐ और अल्लाह दोनों अलग हैं. वहीँ अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती अरशद मदनी के बयान से उठे विवाद को मनोवैज्ञानिक युद्ध बताया है। जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा यह बात स्थापित हो चुकी है कि मुसलमान और ईसाई भारत भूमि के संप्रदाय नहीं हैं. उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि आदम नाम का कोई व्यक्ति धरती पर पैदा हुआ.
संतों ने छोड़ दिया था मंच
बता दें कि कल दिल्ली में जमीअत उलमा के अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी की बातों को सुनने के बाद जैन धर्माचार्य आचार्य लोकेश मुनि मदनी की बात को फालतू की बात करार देते हैं. उनका कहना है कि इस तरह की फालतू के बाद से प्राचीन इतिहास सिद्ध नहीं होता है. जैन मुनि का कहना है कि हमारा इतिहास सभी जानते हैं कि कब से सनातन अथवा जैन परंपरा है. ये सभी को पता है कि कब इस्लाम आया है. मैंने उन्हें इस बात के लिए शास्त्रार्थ का निमंत्रण दिया है और कहा है कि आओ बैठो हम तुम्हें बताएंगे कि कब से आपका इतिहास है.