Dussehri Mango: गर्मी में आम का राजा दशहरी की खुशबू से बाजार महकने लगा है। यूपी की फल पट्टी में आम की मंडी सजने लगी है। आज से दशहरी की बिक्री यूपी में शुरू हो जाएगी। हालांकि अभी दशहरी आम की खेप बाहर जा रही है। स्थानीय बाजारों में दशहरी आम की बड़ी आवक 24 मई के बाद से शुरू हो सकेगी। व्यापारियों का कहना है कि अभी बाजार में पाल का दशहरी आएगा। इस समय बाजार में दशहरी आम को तोड़ने का काम जोरों पर है। डाल की दशहरी बाजार में जून के आरंभ में शुरू हो जाएगी।
खाड़ी देशों में होगा 100 टन दशहरी आम का निर्यात
आम उत्पादकों की माने तो इस बार अकेले खाड़ी देशों में दशहरी आम का निर्यात 100 टन से अधिक होने की उम्मीद है। आम की अस्थाई मंडी भी जून के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगी। हालांकि औपचारिक रूप से दहशरी आम की पहली खेप भेजी जाने लगी है। आम आढ़तियों का मानना है कि अभी एक हफ्ते केवल बाहर के आर्डर भेजे जाएंगे।
विदेश और दूसरे राज्यों से मिले दशहरी आम के बड़े आर्डर
आम आढ़तियों की माने तो इस बार खराब मौसम और कमजोर फसल के बावजूद भी अच्छे व्यापार की उम्मीद हैं। आम व्यापारियों का कहना है कि सीजन शुरु होने से पहले दिल्ली, मुंबई, नासिक, आंध्रप्रदेश और केरल से दशहरी के आर्डर काफी मात्रा में मिल चुके हैं।
इसके अलावा विदेशों से दशहरी निर्यात की बड़ी डिमांड आई है। खाड़ी देशों में इस बार दशहरी आम के निर्यात की उम्मीद करीब 100 टन होगी है। रहमानखेड़ा में मैंगो पैक हाउस में निर्यात के लिए दशहरी आम की पैकिंग की तैयारी जोरों पर है।
निर्यातकों का मानना है कि आम निर्यात की पहली खेप जून के पहले हफ्ते में लंदन और दुबई के लिए भेज दी जाएगी। पहली बार दशहरी आम के लिए जापान से आर्डर आया है। न्यूजीलैंड में अबकी दूसरी बार दशहरी आम भेजा जाएगा। इससे पहले 2012 में दशहरी आम न्यूजीलैंड में निर्यात किया गया था। न्यूजीलैंड से 50 टन दशहरी निर्यात का आर्डर मिला है।
मैंगो पैक हाउस के कर्मचारी बताते हैं कि आम की ग्रेडिंग, सफाई और पैकिंग की मशीन तैयार हैं। अगले दस दिनों में पैकिंग का काम शुरु हो जाएगा। पैकिंग और परिवहन के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ सब ट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर (CISH) वैज्ञानिकों ने नई तकनीक विकसित की है।
खाड़ी देशों में दशहरी की मांग अधिक
दशहरी आम निर्यात के लिए डिब्बों को इस तरह से डिजायन किया है कि इसमें आम खराब नहीं होगा। खाड़ी देखों में दशहरी की मांग अधिक है। भारत से सीधी उड़ान होने के कारण खाड़ी देशों में जहां दशहरी की सबसे ज्यादा मांग रहती है। वहां पर डिलीवरी आसानी से होती है। जबकि यूरोप व अन्य देशों में इसमें काफी समय लगता है। जिससे दशहरी आम की विशेष पैकिंग की जाती है। तमाम परेशानी और खराब मौसम के बाद इस साल 200 से 250 करोड़ रुपए के व्यापार की उम्मीद है। इसमें निर्यात का 100 टन दशहरी आम भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश के फल पट्टी क्षेत्र में करीब 90,000 हेक्टेयर में आम के बाग है। यूपी की ये फल पट्टी पश्चिम यूपी और पूर्वी यूपी में फैली है। अकेले मलीहाबाद में ही 30,000 हजार हेक्टेयर में दशहरी आम बाग है। जहां पर एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। आम की अन्य किस्मों के मुकाबले दशहरी आम का सीजन आखिर तक रहता है। जबकि डाल का दशहरी आम सिर्फ 20-25 दिनों तक बाजार में टिकता है।