कोलकाता। अंडमान और निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को कोलकत्ता हाईकोर्ट की पोर्ट ब्लेयर सर्किट बेंच ने सोमवार को महिला द्वारा दायर दुष्कर्म के मामले में जमानत दे दी। जज चितरंजन दास और मोहम्मद निजामुद्दीन की खंडपीठ ने नारायण को सशर्त जमानत दी है। दुष्कर्म पीड़िता का के वकील पथिक चंद्र दास ने बताया कि वह जमानत आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
कोर्ट ने शर्तों के साथ दी जमानत
हाईकोर्ट की अदालत की शर्तों में से वह अंडमान और निकोबार में तब तक नहीं जाएंगे। जब तक कि उन्हें बुलाया न जाए। दूसरी शर्त यह कि वह गवाह को प्रभावित करने के लिए अधिकारियों का उपयोग नहीं करेंगे। वह किसी अधिकारी और पीड़ित पक्ष को फोन नहीं कर सकते। उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करेगा और देश छोड़ने की इजाजत नहीं होगी।
एसआईटी कर रही है आरोपों की जांच
एक विशेष जांच दल (SIT) इन आरोपों की जांच कर रहा है कि महिला को सरकारी नौकरी का झांसा देकर मुख्य सचिव के आवास पर ले जाया गया और उसके बाद नारायण सहित कई लोगों ने कथित तौर पर उसके साथ दुष्कर्म किया। SIT ने इस महीने की शुरुआत में मामले में 935 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।