देहरादून। चारधाम यात्रा 2023 में केदारनाथ हेलीकाप्टर सेवा के लिए टिकटों की बुकिंग आठ अप्रैल से शुरू हो जाएगी। आईआरसीटीसी ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग पोर्टल का ट्रायल शुरू कर दिया है। केदारनाथ हेलीकाप्टर सेवा बुकिंग के लिए टिकटों की बुकिंग आईआरसीटीसी के माध्यम से की जाएगी। इमरजेंसी कोटे के तहत 10 प्रतिशत टिकटों की बुकिंग ऑफलाइन होगी।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के सीईओ सी. रविशंकर ने बताया कि पहले आज पांच अप्रैल से केदारनाथ हेली सेवा के टिकटों की बुकिंग शुरू करने की तैयारी थी, लेकिन ट्रायल में कुछ तकनीकी दिक्कत आने से अब आठ अप्रैल से ऑनलाइन बुकिंग शुरू की जाएगी।
क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद मिलेगी हेलीपैड पर एंट्री
टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए इस बार बुकिंग सिस्टम को पारदर्शी बनाया है। बिना टिकट के हेलीपैड में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। हेलीपैड के प्रवेश के लिए टिकट में क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति मिलेगी।
सरकार की ओर से रद्द टिकट पर मिलेगा पूरा पैसा उन्होंने बताया कि टिकट रद्द करने और किराया वापसी के लिए नियमावली बनाई है, जो श्रद्धालु हेली सेवा का टिकट रद्द करते हैं, तो उन्हें भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा।
मौसम खराब होने या तकनीकी कारणों से हेली सेवा रद्द होने पर श्रद्धालुओं को पूरा किराया वापस किया जाएगा। इस बार मौसम खराब होने पर श्रद्धालुओं के बैकलॉग की व्यवस्था नहीं होगी।
टिकट बुकिंग के लिए ये वेबसाइट
आईआरसीटीसी ने श्रद्धालुओं के लिए हेली सेवा टिकटों की बुकिंग के लिए वेबसाइट heliyatra.irctc.co.in तैयार की है। इस वेबसाइट पर श्रद्धालुओं को टिकट बुकिंग की सुविधा मिलेगी।
ये होगा श्रद्धालुओं के लिए हेलीकाप्टर सेवा का किराया
गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए श्रद्धालुओं को एक तरफ का 3870 रुपया और दोनों तरफ का 7740 रुपया देना होगा। फाटा से केदारनाथ के लिए श्रद्धालुओं को एक तरफ का 2750 रुपया और दोनों ओर का 5500 देना है। सिरसी से केदारनाथ के लिए श्रद्धालुओं को एक तरफ का 2749 रुपया और दोनों तरफ का 5498 रुपया भुगतान करना होगा।
बिना रजिस्ट्रेशन नहीं होगी श्रद्धालुओं का ऑनलाइन टिकट बुक
चारधाम यात्रा में केदारनाथ हेली सेवा से जाने के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य है। बिना पंजीकरण के श्रद्धालु हेली सेवा की ऑनलाइन टिकट बुकिंग नहीं कर पाएंगे। साथ ही एक बार में एक श्रद्धालु अपनी आईडी से अधिकतम छह सीटों की बुकिंग कर सकेगा। जबकि समूह में यात्रा करने वाले श्रद्धालु एक बार में 12 सीट बुक कर सकेंगे।