जोशीमठ। जोशीमठ में मौसम विज्ञान विभाग ने आगामी 23 से 27 जनवरी के बीच भारी आपदा की चेतावनी जारी की है। जोशीमठ क्षेत्र में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसी को देखते हुए शासन प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट होकर अपनी तैयारियों में जुटा है। वहीं सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने जानकारी दी है कि जोशीमठ पालिका क्षेत्र में चार हजार घर पंजीकृत हैं। अभी तक 849 घरों में दरार आ चुकी है। जबकि दरार आने का सिलसिला जारी है। उन्होंने बताया कि राहत शिविरों में 250 परिवारों के 838 लोगाें को भेज दिया गया है। जबकि प्रशासन ने 4400 लोगों को सुरक्षित स्थान पर रूकने के इंतजाम पहले से किए हैं।
बदरीनाथ हाइवे पर कई जगह दरारें
सचिव आपदा प्रबंधन विभाग की माने तो बदरीनाथ हाईवे पर कई जगहों पर दरारें आई हैं। चारधाम यात्रा के मद्देनजर यहां पहले सड़कों को दुरूस्त किया गया था। संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सिंचाई विभाग की तरफ से जल्द ड्रेनेज और रिटेनिंग वॉल पर काम शुरू किया जाएगा।
इसरो ने जारी की जोशीमठ की तस्वीरेंं
जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर इसरो ने जो रिपोर्ट जारी की है। उसके मुताबिक 12 दिन में जोशीमठ की जमीन 5.4 सेंटीमीटर धंस गई है। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर से सैटेलाइट इमेज जारी की गई। जिसमें यह दिखाई दे रहा है।
इसरो की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीर से पता चला है कि जोशीमठ शहर 27 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच 5.4 सेमी नीचे चला गया है। 12 दिनों के अंदर जोशीमठ 5.4 सेंटीमीटर धंस गया है।
अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच धंसाव शुरू
इसरो की रिपोर्ट बताती है कि मिट्टी धंसने से जोशीमठ में आर्मी हेलीपैड और नरसिंह मंदिर प्रभावित हुआ है। धंसने का केंद्र 2180 मीटर की ऊंचाई पर जोशीमठ-औली रोड के पास है। रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच धंसने की दर बहुत कम थी। इस दौरान जोशीमठ 9 सेमी तक धंसा था। अप्रैल और नवंबर 2022 के बीच इन 7 महीने में जोशीमठ शहर 9 सेमी तक धंस गया। इमारतों और सड़कों में बड़े पैमाने पर दरारें पूरी कहानी कह रही हैं। इसके अलावा शहर की लगभग एक चौथाई इमारतों में दरारें आ गई हैं।