डाउनिंग स्ट्रीट से सामने आ रही जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रिषि सुनक ने ‘लो क्वालिटी’ डिग्री लेने वालों और अपने साथ आश्रितों को साथ लाने वाले विदेशी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने का विचार किया है. दरअसल ब्रिटेन में प्रवासियों की संख्या पांच लाख तक पहुँच गयी है जोकि अबतक का रिकॉर्ड है. हालाँकि प्रवक्ता की तरफ से इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है कि सरकार ने इसके लिए नीतियों में क्या बदलाव किया है और इस बात को भी स्पष्ट नहीं किया है कि लो क़्वालिटी डिग्री से क्या तात्पर्य है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आंकड़े जारी करने के बाद बदली स्थिति
दरअसल ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय इसी सप्ताह जो आंकड़े जारी किये वो ब्रिटेन के लिए काफी भयावह थे , इन आंकड़ों के मुताबिक प्रवासियों की संख्या में बेतहाशा ढ़ोत्तरी हुई है जिसमें भारतीयों की संख्या ज़्यादा है. विगत वर्ष प्रवासियों की संख्या 1,73,000 थी जो 2022 में बढ़कर 5,04,000 हो गई.इसमें विदेशी स्टूडेंट्स की संख्या बहुत बड़ी है जिसमें भारतीयों की संख्या अधिक है. बता दें कि ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले विदेशी स्टूडेंट्स में भारतीय टॉप पर और चीन दूसरे नंबर पर है. ऐसे में ऋषि सुनक विदेशी स्टूडेंट्स पर कोई कार्रवाई करती है तो इंडियन स्टूडेंट्स पर इसका सबसे ज़्यादा असर पड़ेगा।
कंगाल हो सकती हैं यूनिवर्सिटीज
प्रधानमंत्री सुनक के प्रवक्ता के मुताबिक सरकार सभी विकल्पों पर विचार कर रही है कि प्रवास प्रणाली सही ढंग से काम कर रही है. प्रवक्ता के मुताबिक प्रवासियों संख्या को कम करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. बता दें कि ब्रिटेन में डिग्री लेने पर स्टूडेंट्स को पोस्ट स्टडी वीजा भी दिया जाता है और यही वजह है भारतीय स्टूडेंट्स की ब्रिटेन में पढाई करने में ज़्यादा दिलचस्पी रहती है। वहीँ ब्रिटेन सरकार के माइग्रेशन एडवाइजर ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इस तरह की कोई कार्रवाई हुई कई यूनिवर्सिटीज कंगाल हो जाएंगी.