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आखिरकार गुजरात में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने की इजाज़त दे ही दी. हार्दिक पटेल पर 2015 में दंगा भड़काने का आरोप था. उपद्रव के इस मामले में 29 मार्च 2019 को गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की याचिका को ख़ारिज कर दिया था जिसमें उनकी दोषसिद्धि को निलंबित करने की अपील की गई थी। दंगा भड़काने के आरोप में साल 2018 में निचली कोर्ट ने पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी।
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निश्चित ही यह खबर हार्दिक पटेल के लिए बड़ी राहत की बात है, वहीँ चंद महीनों बाद होने जा रहे गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही कांग्रेस पार्टी के लिए भी एक अच्छी खबर है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद हार्दिक पटेल (Hardik Patel) सिर्फ प्रचार करते हुए नज़र आये हैं, इस पाबन्दी के हटने के बाद अब वह चुनाव लड़ते हुए भी नज़र आयेंगे, मतलब अब उन्हें बल्ला लेकर पिच पर उतरने की इजाज़त मिल गयी है, अब देखना यह होगा कि वह कितने चौके छक्के लगाते हैं।
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कांग्रेस पार्टी को भी एक ऐसे चेहरे की तलाश है जिसको सामने रखकर चुनाव के मैदान में उतरा जा सके, हार्दिक युवा हैं और अब अनुभवी भी, पाटीदार समाज से उनका आना उन्हें थोड़ा और विशेष बनाती है। हालाँकि यह कहना अभी समय से पहले की बात है कि कांग्रेस पार्टी उन्हें क्या ज़िम्मेदारी सौंपती है, कांग्रेस के लिए गुजरात का मोर्चा प्रशांत किशोर और उनकी टीम संभालने जा रही है, इस टीम की रणनीति में हार्दिक कहाँ फिट बैठते हैं यह भी एक बड़ा सवाल है। फिलहाल हार्दिक को चुनाव लड़ने की इजाज़त मिलना गुजरात की राजनीति के लिए एक बड़ी खबर कही जा सकती है।